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जीएसटी ने भर दिया कोल्हान का खजाना

जमशेदपुर : जीएसटी लागू हुए एक साल हुए हैं. इस एक साल में कोल्हान में राजस्व की जबरदस्त वसूली हुई है. सेल्स टैक्स, सेंट्रल एक्साइज और इनकम टैक्स हर विभाग में राजस्व वसूली में उछाल देखने को मिला है.सेंट्रल एक्साइज ने 4000 के स्थान पर वसूले 6418 करोड़ रुपये. सेंट्रल एक्साइज विभाग का इस साल […]

जमशेदपुर : जीएसटी लागू हुए एक साल हुए हैं. इस एक साल में कोल्हान में राजस्व की जबरदस्त वसूली हुई है. सेल्स टैक्स, सेंट्रल एक्साइज और इनकम टैक्स हर विभाग में राजस्व वसूली में उछाल देखने को मिला है.सेंट्रल एक्साइज ने 4000 के स्थान पर वसूले 6418 करोड़ रुपये. सेंट्रल एक्साइज विभाग का इस साल का लक्ष्य 4700 करोड़ रुपये रखा गया था. पिछले साल बिना जीएसटी के करीब 4000 करोड़ रुपये राजस्व के रूप में वसूले गये थे. लेकिन इस साल अब तक 6418 करोड़ रुपये की वसूली कर ली गयी है.
यानी पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 2418 करोड़ रुपये ज्यादा की वसूली हुई है. इसमें करीब 50 करोड़ की वसूली सिर्फ फाइन के जरिये की गयी है. सेंट्रल एक्साइज के आयुक्त अजय पांडेय ने कहा कि जीएसटी से काफी बदलाव हुआ है. राजस्व वसूली काफी बेेहतर हुई है. कुछ चीजों को लेकर दिक्कत है, जिसको दूर कर लिया जायेगा.
सेल्स टैक्स : 348 के बजाय वसूले 584 करोड़ रुपये. सेल्स टैक्स विभाग के करीब 348 करोड़ रुपये का लक्ष्य था, जिसमें अब तक 584 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है. यानी लक्ष्य से 232 करोड़ रुपये से ज्यादा वसूली हुई है. सेल्स टैक्स के संयुक्त आयुक्त संजय कुमार ने बताया कि जीएसटी आने से सिस्टम मजबूत हुआ है. कुछ कमियां हैं जिसे दूर की जा रही है.
आयकर विभाग : सौ करोड़ ज्यादा वसूले
आयकर विभाग ने पिछले साल करीब 250 करोड़ रुपये की वसूली की थी. इस साल एक साल में करीब 350 करोड़ रुपये की वसूली हो पायी है. वसूली में सौ करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है. विभाग के प्रधान आयुक्त अविनाश कुमार ने कहा कि जीएसटी के कारण वसूली काफी बेहतर हुई है. लोग स्वत: इसके दायरे में आ जा रहे हैं.
पांच कंपनियों ने किया करोड़ों का गोलमाल
जमशेदपुर : जीएसटी लागू होने के बाद शहर की पांच कंपनियों ने ही सौ करोड़ का गोलमाल कर दिया. इसे लेकर पांच अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. सेंट्रल एक्साइज व सेल्स टैक्स के अधिकारियों ने भी जांच में गड़बड़ियों की पुष्टि की है. जीएसटी काउंसिल, जीएसटी नेटवर्क, केंद्रीय उत्पाद कर के मुख्य आयुक्त के स्तर पर कंपनियों पर कार्रवाई की अनुशंसा की गयी है. जीएसटी लागू होने के बाद व्यवसायियों ने एक जुलाई 2017 से 31 दिसंबर 2017 तक का जीएसटी रिटर्न दाखिल किया. इसमें फर्जी तरीके से इनपुट क्रेडिट का उल्लेख किया गया. रिटर्न की जांच इनपुट टैक्स क्रेडिट का किया गया दावा फर्जी निकला.
तकनीक से रोकेंगे फर्जीवाड़ा : सेंट्रल एक्साइज. सेंट्रल एक्साइज व जीएसटी के आयुक्त अजय पांडेय ने बताया कि फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नये उपाय किये जा रहे है. तकनीकी व दूसरे हथकंडों से इसे रोका जायेगा. इसके लिए एक सिस्टम विकसित किया जा रहा है.
बनाया जा रहा है सिस्टम : सेल्स टैक्स
सेल्स टैक्स विभाग के संयुक्त आयुक्त संजय प्रसाद ने बताया कि फर्जीवाड़ा रोकने के लिए सिस्टम विकसित हो रहा है. अभी नये सिरे से कोई घोटाला नहीं हो, उसको रोकने के लिए सारे उपाय किये जा रहे है. जरूरत पड़ने पर हर स्तर पर वेरिफिकेशन भी किया जा सकता है.

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