जमशेदपुर: ‘आमार सकल रसेर धारा, / तोमाते आज होक-ना हारा।। / जीवन जुड़े लागुक परश, भुवन व्येपे जागुक हरष, / तोमार रूपे मरुक डूबे, आमार दू टि आंखि तारा। / हारिये याउवा मन टि आमार, फिरिये तुमि आनले आबार।।..’ मधुर कंठ में कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की उक्त गीति रचना के गायन की रस सरिता ने शनिवार की संध्या सैकड़ों श्रोताओं के गुस्से और क्षोभ को पल भर में रस सिक्त कर उन्हें तालियां बजाने को मजबूर कर दिया.
टेल्को सबुज कल्याण संघ द्वारा कवि गुरु की जयंती पर आयोजित समारोह के तहत आयोजित रवींद्र संगीत सम्मेलन के निर्धारित समय से डेढ़ घंटे बाद तक शुरू नहीं हो पाने के कारण श्रोता क्षुब्ध हो रहे थे. अंतत: रवींद्र संगीत का सरित-प्रवाह शुरू होते ही उनका सारा क्षोभ बह गया.
उक्त कार्यक्रम संध्या 6:00 बजे से आरंभ होना था, लेकिन उसके लिए ध्वनि विस्तारकों का सेट लेकर आ रहे वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के कारण कार्यक्रम में देरी हुई. तुरंत दूसरे ध्वनि विस्तारक की व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण कार्यक्रम में देरी हो रही थी और श्रोता खीज रहे थे. कार्यक्रम शुरू होते ही छोटी बच्चियों से लेकर बड़े कलाकारों की एक के बाद एक सुंदर नृत्य एवं संगीत प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को खुश कर दिया. इससे पूर्व मुख्य अतिथि टाटा मोटर्स के पूर्व जीएम एस मुखोपाध्याय ने कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया.
उन्होंने कवि गुरु की एक प्रार्थना की आवृत्ति की. उन्होंने संघ एवं पूरे समाज की बेहतरी के लिए लोगों से एकजुटता की अपील की. उनके अलावा कार्यक्रम में मानिक मुखर्जी, डॉ डीसी देवदास, सी कुइला, अचिंतम गुप्ता, समीर होर, रंजीत धर आदि गणमान्य लोगों के अलावा सैकड़ों श्रेता शामिल हुए. प्रदीप घोषाल के संचालन में आयोजित कार्यक्रम को सफल बनाने में महासचिव मिथिलेश घोष, विप्लव बैनर्जी, सुब्रत गुहा, स्वपन सरकार, संदीप बैनर्जी, अमिताभ बोस, मिठू बोस, सरोज रॉय का योगदान रहा.