जमशेदपुर : सिदगोड़ा स्थित आरोग्यम नर्सिग होम के संचालक तीन डॉक्टर एसके तिवारी, मुन्नी देवी और हरि प्रसाद ने बुधवार को जमशेदपुर कोर्ट में सरेंडर किया, जहां से तीनों को घाघीडीह सेंट्रल जेल भेज दिया गया. मंगलवार को झारखंड हाइकोर्ट में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गयी थी. उसके बाद बुधवार को तीनों ने दोपहर के वक्त प्रथम अपर न्यायिक दंडाधिकारी एसएल लमाय की अदालत में सरेंडर किया.
28 मार्च से फरार चल रहे थे तीनों.
28 मार्च को सिदगोड़ा पुलिस ने उनके आरोग्यम स्थित अस्पताल में उनके फरार होने का नोटिस चस्पा दिया था. उसके बाद वे फरार थे. उनकी गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर छापामारी भी की गयी थी. डॉ एसके तिवारी और मुन्नी देवी का क्लिनिक रांची और धनबाद में भी संचालित हो रहा है, इस कारण वहां भी पुलिस ने दबिश बनायी थी.
गौरतलब है कि आरोग्यम अस्पताल के निर्माण कार्य में की गयी गड़बड़ी को लेकर हाइकोर्ट के निर्देश के बाद दिनेश कुमार पांडेय ने सिदगोड़ा थाना में प्राथमिकी दर्ज की थी. करीब तीन माह से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बावजूद तीनों डॉक्टर पकड़ में नहीं आये थे, जिसके बाद कोर्ट ने इसको लेकर इश्तेहार जारी कर दिया था. इसके बाद ही पुलिस ने अपनी दबिश बढ़ा दी थी.
मुन्नी देवी के डिग्री फरजी होने की बात प्रमाणित जमशेदपुर कोर्ट में मुन्नी देवी द्वारा पहले अग्रिम जमानत याचिका दायर की गयी थी. इसमें मुन्नी देवी ने अपने को डॉक्टर बताया था, लेकिन सिविल सजर्न की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की गयी, जिसमें यह बात प्रमाणित हुई कि मुन्नी देवी फरजी डॉक्टर है, जिसके आधार पर जमानत याचिका खारिज कर दी गयी.