वर्ष 2013-14 से लेकर अब तक 5000 से ज्यादा (प्रत्येक वित्तीय वर्षों में 800-1000) लाभुकों को स्वरोजगार देने के लिए कार्य कुशलता की ट्रेनिंग दी जा रही है. ट्रेनिंग के बाद लाभुकों को स्वर्णजयंती शहरी रोजगार योजना से निकाय क्षेत्र के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र दिया जाता है. लेकिन प्रमाण पत्र के आलोक में लोन नहीं मिलने से अधिकांश लाभुक निकाय अौर बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं.
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जेएनएसी ने भेजा 811 आवेदन, तीन को मिला लोन
जमशेदपुर. जमशेदपुर अक्षेस में बेरोजगार युवक-युवतियों, महिलाओं को स्वरोजगार देने के लिए स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना से कौशल विकास प्रशिक्षण वर्षों से दिया जा रहा है. सरकार का दावा था कि प्रशिक्षण के बाद लाभुकों को रोजगार मिल जायेगा, लेकिन जमशेदपुर में ऐसा नहीं हो रहा है. वर्ष 2013-14 से लेकर अब तक 5000 […]
जमशेदपुर. जमशेदपुर अक्षेस में बेरोजगार युवक-युवतियों, महिलाओं को स्वरोजगार देने के लिए स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना से कौशल विकास प्रशिक्षण वर्षों से दिया जा रहा है. सरकार का दावा था कि प्रशिक्षण के बाद लाभुकों को रोजगार मिल जायेगा, लेकिन जमशेदपुर में ऐसा नहीं हो रहा है.
जमशेदपुर अक्षेस से वर्ष 2016-17 व 2017-18 में आठ सौ से ज्यादा लाभुकों के आवेदन विभिन्न बैंकों को भेजे गये थे. इसमें अबतक केवल 3 आवेदक का लोन स्वीकृत किया है. बैंक के नाकारात्मक रवैया के कारण योजना की स्थिति अच्छी नहीं है.
एस तिर्की, सिटी मिशन मैनेजर
जमशेदपुर अक्षेस.
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