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टायो के इंजीनियर की फ्लैट में रस्सी से गला दबाकर हुई थी हत्या, दो धराये

आदित्यपुर. दो जिलों से जुड़े इंजीनियर हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. टायो के इंजीनियर सुनील कुमार चौधरी की हत्या के मामले में पुलिस ने कांड के मुख्य आरोपी सुजीत कुमार के चालक रिक्शा कॉलोनी रोड नं 9 आदित्यपुर एक के रिंकू विभरधीवर व साथी डीबी रोड बागबेड़ा निवासी राकेश कुमार उर्फ गुड्डू […]

आदित्यपुर. दो जिलों से जुड़े इंजीनियर हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. टायो के इंजीनियर सुनील कुमार चौधरी की हत्या के मामले में पुलिस ने कांड के मुख्य आरोपी सुजीत कुमार के चालक रिक्शा कॉलोनी रोड नं 9 आदित्यपुर एक के रिंकू विभरधीवर व साथी डीबी रोड बागबेड़ा निवासी राकेश कुमार उर्फ गुड्डू को गिरफ्तार कर लिया. दोनों अप्राथमिक अभियुक्तों ने पुलिस के समक्ष हत्याकांड में संलिप्तता स्वीकार करते हुए हत्याकांड की पूरी कहानी कह डाली. उक्त जानकारी एसडीपीओ अविनाश कुमार ने प्रेस वार्ता में दी. श्री कुमार ने बताया कि सुनील चौधरी की हत्या 9 सितंबर की रात इस कांड के मुख्य अभियुक्त सुजीत कुमार (अभी फरार) के जयप्रकाश उद्यान स्थित सिद्धि विनायक फ्लैट में की गयी थी. इसमें सुजीत कुमार भाड़े पर रहता था.

सुनील कुमार को पहले खिला-पिला कर नशे की गोली दे बेहोश किया गया और उसके बाद रस्सी से गला घोंट उनकी हत्या कर दी गयी. पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक के शव को रात 11.30 बजे इंडिका कार में लेकर बुंडू घाटी में सड़क के किनारे फेंक दिया गया. इस कांड में कई और लोगों के संलिप्त होने से इंकार नहीं किया जा सकता है. विदित हो कि सुनील चौधरी 9 सितंबर को लापता हुए थे. उनके छोटे भाई सुदीप चौधरी ने 14 सितंबर को आदित्यपुर थाना में उनके अपहरण का मामला दर्ज कराया था. सुनील चौधरी का शव 10 सितंबर को टाटा-रांची एनएच के किनारे बुंडू घाटी में बरामद हुआ था. इस संबंध में दशम फॉल थाना में अज्ञात के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर शव का अंत्यपरीक्षण रिम्स रांची में कराया गया था.

कांड में प्रयुक्त कार बरामद : एसडीपीओ श्री कुमार ने बताया कि पकड़े गये आरोपियों की निशानदेही पर हत्याकांड में प्रयुक्त इंडिका कार (संख्या जेएच 05 एपी 8077) को एएसएल मोटर आदित्यपुर से और मृतक की होंडा साइन मोटरसाइकिल (संख्या जेएच 05एआर 5948) को मानगो बस स्टैंड से बरामद किया गया.
लाखों रुपये के लिए की हत्या : पुलिस के अनुसार सुनील चौधरी को टायो कंपनी से 25-30 लाख रुपये प्राप्त हुए थे. सुजीत कुमार ने उन्हें किसी योजना में लगाने का प्रलोभन देकर 23 लाख रुपये लिये थे. मृतक उसके जालसाजी को जान गये थे. जब वे अपने पैसे वापस करने का काफी दवाब बनाने लगे सुजीत कुमार ने अपने सहयोगी अपराधकर्मियों के साथ मिलकर उनकी हत्या कर दी.
टेक्नीकल सेल से मिली मदद : हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने में पुलिस को गहन अनुसंधान व टेक्नीकल सेल से मदद मिली. छापामारी दल में एसडीपीओ श्री कुमार के अलावा आदित्यपुर थाना प्रभारी विजय कुमार सिंह, गम्हरिया थाना प्रभारी जय प्रकाश राणा, सअनि लखन उरांव व आरक्षी संजय महतो शामिल थे.
परिवार वालों ने सुजीत पर किया था शक : मृतक के परिजन ने मुख्य आरोपी सुजीत कुमार पर शक करते हुए थाना में लिखित शिकायत की थी. जिसमें कहा था कि गायब होने के दिन दोपहर करीब 12 बजे से एक बजे के बीच सुनील को सुजीत के साथ देखा गया था.
शहर में ही घूम रहा है मुख्य आरोपी
पुलिस के अनुसार मुख्य आरोपी सुजीत कुमार शहर में कहीं-कहीं लोकेशन बदलकर रह रहा है. जिसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापामारी की जा रही है. पुलिस ने दावा किया है कि उसकी गिरफ्तारी शीघ्र कर ली जायेगी. जालसाज है सुजीत कुमार : एसडीपीओ श्री कुमार ने बताया कि हत्याकांड का मुख्य आरोपी सुजीत कुमार जालसाज है. इसने कई लोगों से ठगी की है. अपना प्रभाव जमाने के लिए बड़े-बड़े लोगों से संपर्क दिखाता था. वह अपने को इफको कंपनी का अधिकारी बताता था.

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