जमशेदपुर: बुगी-वुगी किड्स चैंपियनशिप जीतने के बाद काशीडीह लाइन नंबर तीन निवासी अभिषेक सिन्हा रातों-रात स्टार बन गया. बुधवार की देर रात जमशेदपुर पहुंचने के बाद गुरुवार की शाम तक काफी संख्या में लोग उसे मिलने आये. अभिषेक को बधाई देने वाले उसकी मां सोमिता को बधाई देना नहीं भूलते. प्रभात खबर ने अभिषेक से जुड़ी हर खबर पाठकों तक पहुंचाने का काम किया.
चहेते कलाकारों से मुलाकात
अभिषेक सिन्हा ने कहा कि उसे काफी कम समय मुंबई में रहने का मौका मिला. इस दौरान उसने फिल्मी दुनिया के चर्चित लगभग सभी कलाकारों के साथ मुलाकात की. उसे इस बात का मलाल है कि वह अपने चहेते हीरो ऋतिक रोशन से नहीं मिल पाया. मुंबई में अभिषेक अमिताभ बच्चन, वरुण धवन, इलियाना, नरगिस, प्रियंका चोपड़ा, माधुरी दीक्षित, अजरुन कपूर, रणवीर कपूर, जूही चावला, शाहिद कपूर, सोनम कपूर, अजय देवगन, जैकी बगनानी, जैकी श्रफ, नेहा धूपिया, जावेद जाफरी, अनु मल्लिक, शरमन जोशी, प्रभु देवा, धर्मेश से मिला. अभिषेक की सफलता के पीछे उसकी मां सोमिता सिन्हा का काफी योगदान है. सोमिता ने प्रभात खबर से बातचीत करते हुए कहा कि वक्त और पेट काट कर अभिषेक को इस मुकाम तक पहुंचाया है. उन्हें खुशी है कि उनके बेटे ने भी उनकी हर परेशानियों को समझा. समय का महत्व समझते हुए उसने अथक मेहनत की. अभिषेक की तैयारियों में उसकी गुरु मां मंदिरा बोस और बड़े भाई अनिकेत का भी अहम योगदान है.
सीखने के लिए थप्पड़ भी खाया : अनिकेत सिन्हा
अभिषेक के कोरियोग्राफर अनिकेत सिन्हा ने कहा कि काफी कम उम्र से ही उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि इसमें कुछ गुण है, जो औरों से भिन्न है. थोड़ी इसकी विशेष निगरानी की जाये तो यह कुछ कर सकता है. इसके बाद उसकी प्रैक्टिस पर जोर दिया गया. कभी प्यार से समझाया जाता था, जब कभी नहीं समझता तो फिर डांट के साथ हल्का थप्पड़ का भी सहारा लेना पड़ता था.
रात भर सोयी नहीं : दादी
अभिषेक की दादी ने कहा कि जिस दिन से अभिषेक ने इस चैंपियनशिप को जीता है, उस दिन से काफी खुशी है. उनके परिवार के सभी सदस्य बधाई के लिए फोन कर रहे है, काफी लोग मिलने आ रहे हैं. उत्सव सा माहौल है.
उम्मीद थी, वह खरा उतरा
मानगो सुभाष कॉलोनी निवासी अभिषेक की बुआ मुक्ति भट्टाचार्या ने कहा कि चैंपियनशिप जीतने की खुशी में शब्द नहीं है. अभिषेक ने कमाल कर दिया.
शो के दौरान गिटार खो जाने का है काफी मलाल
अभिषेक का गिटार मुंबई में खो गया. प्रतियोगिता के दौरान जब उसे फुर्सत मिलती थी, तो वह उसे बजाता था. इसी दौरान उसे कोई उठा कर ले गया. उसने यह बात अपनी दादी को बतायी. काशीडीह स्थित अपने घर पहुंचते ही अभिषेक ने पहले लोकप्रिय दैनिक प्रभात खबर की खोज शुरू की. अभिषेक ने बताया कि टेलीकास्ट रविवार को हुआ था, लेकिन परिणाम की खबर तीन दिन पहले ही प्रभात खबर ने प्रकाशित कर दी थी, इसके बाद उसे काफी फोन कॉल आने लगे.
कड़ी मेहनत से ही मिली सफलता: अभिषेक
अभिषेक ने बताया कि स्पर्धा जीतने के लिए काफी कड़ी मेहनत करनी पड़ी. मुंबई आकर उसे इस बात का एहसास हो गया था कि बिना मेहनत के कुछ हासिल नहीं होने वाला है. इसलिए उसने कोई कसर नहीं छोड़ी. रात को दो-तीन बजे भी उठकर वह उन स्टेप की प्रैक्टिस करता था, जिन्हें दिन के वक्त करने में कोई दिक्कत आ रही थी. मुंबई में काफी ऐसे स्टेप सीखे, जो अभी झारखंड पहुंचे ही नहीं है.
मानगो पेट्रोल पंप पर मां करती हैं नौकरी
मानगो पंप पर सोमिता सिन्हा गाड़ियों में पेट्रोल भरने की नौकरी करती थी. विगत बारह वर्षो से कार्यरत सोमिता को पिछले दिनों सुपरवाइजर बनाया गया है. अपना काम पूरी ईमानदारी और तत्परता के साथ काम किया.