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डीप बोरिंग पर होगी कार्रवाई

पेयजल. सीएम को मिली शिकायत पर विभागों ने की बैठक नगर निगम मामले में उचित एक्ट के तहत करेगा कार्रवाई पेयजल संकट संबंधित शिकायतों व सुझावों के बाद लिया गया फैसला आदित्यपुर : औद्योगिक क्षेत्र में डीप बोरिंग की रोकथाम के लिए नगर निगम उचित एक्ट के तहत कार्रवाई करेगा. इस मामले को निगम की […]

पेयजल. सीएम को मिली शिकायत पर विभागों ने की बैठक

नगर निगम मामले में उचित एक्ट के तहत करेगा कार्रवाई
पेयजल संकट संबंधित शिकायतों व सुझावों के बाद लिया गया फैसला
आदित्यपुर : औद्योगिक क्षेत्र में डीप बोरिंग की रोकथाम के लिए नगर निगम उचित एक्ट के तहत कार्रवाई करेगा. इस मामले को निगम की बोर्ड बैठक में रखा जायेगा. इस संबंध में पेयजल विभाग भी मुख्यालय से दिशा-निर्देश हासिल करेगा. यह निर्णय इंवायरमेंट प्रोटेक्शन फोरम की ओर से पेयजल संकट से संबंधित शिकायतों व सुझावों को लेकर विभाग के अधिकारियों की बैठक में लिया गया. फोरम द्वारा मुख्यमंत्री को की गयी शिकायत के बाद सीएम सचिवालय से मिले निर्देश पर मंगलवार को पेयजल व स्वच्छता विभाग के एसइ राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में उनके कार्यालय में बैठक हुई.
बैठक में पेयजल के इइ मंतोष कुमार मणि, यांत्रिक जेइ किशन किस्कू, आयडा के डीडीओ एचएन सिंह, आदित्यपुर नगर निगम के एइ कौशलेश कुमार, फोरम की सचिव रूपा शरण व सुबोध शरण उपस्थित थे.
सिवरेज की योजना स्वीकृत. एसइ श्री प्रसाद ने फोरम की सिवरेज-ड्रेनेज से संबंधित मांग के बारे कि इस मामले में नगर निगम टीइसी से डीपीआर बनवाया गया है. केंद्र की अमृत योजना के तहत 240.54 करोड़ की स्वीकृति मिल चुकी है.
उद्योगों को नहीं मिल रहा रॉ वाटर
बैठक की जानकारी देते हुए पेयजल विभाग के एसइ श्री प्रसाद ने बताया कि संस्थान ने मांग की है कि औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगों को पेयजल की आपूर्ति की बजाय उन्हें रॉ वाटर की आपूर्ति की जाये. दरअसल शुरू में सब के लिए एक जैसा कनेक्शन होने के कारण उद्योगों को अब तक पेयजल की ही आपूर्ति हो रही है. जहां तक डीप बोरिंग का सवाल है, इसमें कोई मनमानी नहीं कर सकता है. आयडा को भी इसकी सूचना नहीं मिलती है.
फोरम की अन्य मांगों पर काम जारी
श्री प्रसाद ने बताया कि फोरम द्वारा उठायी गयी अन्य मांगों पर काम जारी है. सीतारामपुर के डीसिल्टेशन के लिए तकनीकी स्वीकृति मिल चुकी है. इसके लिए प्रशासनिक स्वीकृति अभी नहीं मिली है. डैम के स्पिलवे गेट का निर्माण शुरू हो चुका है. आदित्यपुर में जलापूर्ति की क्षमता बढ़ाये जाने मामले में जुडको काम कर रहा है. यह आइडेक नामक एजेंसी के माध्यम से 22.5 एमजीडी क्षमता वाली जलापूर्ति व्यवस्था के लिए डीपीआर तैयार करवा रही है. फोरम की अन्य मांग जैसे गंगा व यमुना की तरह सुवर्णरेखा व खरकई नदी को भी जिंदा इंसान मानकर कानूनी अधिकार देकर इन्हें प्रदूषण मुक्त रखने की मांग भी शामिल है. इस पर सरकार स्तर पर निर्णय लिया जायेगा.

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