परवेज आलम/देवनारायण
हजारीबाग : हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं की उम्मीदों से काफी कम विकास हुआ है. राजा-रानी, इंटक नेता, शिक्षक, किसान पुत्र और ब्यूरो क्रेट क्षेत्र से जुड़े लोग भी यहां का जनप्रतिनिधि बन कर संपूर्ण विकास नहीं करा पाये.
संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत पांच विधानसभा के 24 प्रखंड व नगर परिषद क्षेत्र में आधारभूत संरचना भी मुहैया नहीं हुआ. हजारीबाग मुख्यालय रेलवे लाइन व रिंग रोड से जुड़ने के करीब है. लेकिन मेडिकल कॉलेज अभी तक नहीं खुला. हजारीबाग नगर परिषद क्षेत्र व आसपास के मुहल्लों व गांव को पेयजल आपूर्ति से शत-प्रतिशत नहीं जोड़ा जा सका. कोनार डैम से पाइप लाइन से पानी लाकर जलापूर्ति की योजना अभी फाइलों में सिमटी हुई है.
हजारीबाग में अंतरराज्यीय बस अड्डा निर्माण के लिए राशि उपलब्ध के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ. संसदीय क्षेत्र में दर्जनों पर्यटन स्थल बदहाली की स्थिति में है. बड़कागांव प्रखंड में बरसोपानी, केरेडारी में कोती झरना जैसे स्थल को विकसित नहीं किया गया. हजारीबाग मुख्यालय की सड़क व चौक-चौराहों पर अतिक्रमण बढ़ता जा रहा है.
शहरी क्षेत्रों की सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे, नालियों का पानी सड़कों पर और नाले कूड़े-करकट से भरे हुए हैं. अब तो हरियाली व बागों का शहर प्रदूषित शहरों की श्रेणी में आ गया है. प्रदूषण विभाग के ताजे आंकड़े चौंकानेवाले हैं. शहर की गंदगी और सड़कों पर धूल उड़ने के कारण हवा काफी प्रदूषित हो गया है.
केंद्र सरकार के नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम एवं एक्साइज एंड नार्कोटिक्स प्रशिक्षण केंद्र, डिप्टी चीफ कंट्रोल ऑफिस विस्फोटक कार्यालय, सीमा सुरक्षा बल के ऑफिस का ट्रेनिंग सेंटर, एफसीआइ का जिला कार्यालय, राज्य सरकार विशेषकर वन विभाग के कई कार्यालयों का स्थानांतरण हजारीबाग से हो गया है.
हाल के वर्षो में इन कार्यालयों के स्थानांतरण होने से हजारीबाग के शान में बंटा लगा है. शहर के 3130 घरों में शौचालय नहीं है. ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालय नहीं होने का आंकड़ा काफी बड़ा है. सोलिड बेस्ट मैनेजमेंट योजना भी पूरा नहीं हुई.
मुख्यालय में एक मात्र केबी महिला कॉलेज में करोड़ों की लागत से बन रहे विज्ञान भवन का काम पांच वर्षो से रुका हुआ है. संत कोलंबा कॉलेज परिसर में बन रहे बहुउद्देश्यीय परीक्षा भवन का काम भी लंबित है. परीक्षा कार्यो के कारण कक्षाएं जो बाधित होती हैं, इस भवन के बन जाने से रुकने की उम्मीद थी. जिला स्कूल का छात्रावास समेत अधिकांश छात्रावास की स्थिति भयावह है. सभी छात्रावास सुविधाविहीन होते जा रहे हैं.
ट्रैफिक जाम से हर दिन लोग परेशान हो रहे हैं. संसदीय क्षेत्र में लोगों को रोजाना दस घंटे भी बिजली लगातार नहीं मिल पाती. कई पंचायतों में 10-15 दिन तक बिजली गुल रहती है. जले ट्रांसफार्मर प्रतिमाह औसतन सैकड़ों में होते हैं. कटकमसांडी प्रखंड का विद्युत सब स्टेशन बनने के वर्षो बाद भी शुरू नहीं हो पाया है. खेतों तक सिंचाई की सुविधा औसतन 30 प्रतिशत भी नहीं है. स्वास्थ्य सुविधा भी औसतन उपलब्ध नहीं है. हजारीबाग जिले के 88 प्रतिशत किशोरियों में खून की कमी है. स्वास्थ्य विभाग की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
जिले में चार में से एक बच्च कुपोषित है. जिले में मलेरिया की रोकथाम का कारगर उपाय नहीं है. शहर में डेंगू का मरीज मिला है. विस्थापन व पलायन की समस्या बढ़ती जा रही है. बड़कागांव, बरही, मांडू, रामगढ़ और हजारीबाग विधानसभा क्षेत्र में कई कंपनियों को खनन का काम करना है, इससे विस्थापन और पलायन बढ़ रहा है. इसके समाधान के लिए कोई ठोस पहल होता नहीं दिख रहा है.