अजय कुमार ठाकुर
चौपारण : प्रखंड के राईस कॉलोनी की बहू खुशबू उर्फ सोनाली हत्याकांड की गुत्थी चार वर्ष तीन माह बाद भी नहीं सुलझ सकी. 12 वर्षीय सोनाली की हत्या एक नवंबर, 2009 की रात उसके आवास में घुस कर तीन अज्ञात युवकों ने बलात्कार के बाद कर दी थी. अपराधियों ने उसके पिता प्रकाश केसरी को नशे की दवा खिला कर अचेत कर दिया था.
घटना की रात सोनाली अपने पिता के साथ घर पर अकेली थी. उसकी मां मायके गयी थी. दो नवंबर को विधानसभा के लिए मतदान हो रहा था. इस कारण सोनाली का शव दिन भर उसके आवास पर पड़ा रहा. शाम में मतदान समाप्त होते ही पुलिस की टीम सोनाली का शव उठाने उसके घर पहुंची.
पुलिस को देखते ही महिलाएं आग बबूला हो उठी. हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शव के साथ जीटी रोड को जाम कर दिया था. बड़ी मशक्कत के बाद जाम को हटाया गया था. इस घटना को केवल उसके माता-पिता ही नहीं बल्कि प्रखंड वासी आज भी नहीं भूल सकें हैं.
क्या था आवेदन में : घटना के बाद सोनाली उर्फ खुशबू के पिता प्रकाश केसरी द्वारा दिये गये आवेदन में कहा गया था कि रात के करीब नौ बज रहा था. चहारदीवारी के अंदर बने शौचालय से वे शौच करके निकल रहे थे.
इसी बीच तीन अज्ञात युवक उन्हें दबोच कर घर के अंदर ले गये. उसके बाद अपराधियों ने प्रकाश के मुंह पर कपड़ा बांध दिया. सोनली के साथ दुष्कर्म के बाद गला दबा कर उसकी हत्या कर दी. इस बीच अपराधियों ने प्रकाश को नशे की दवा खिला दी और उसे बंधक बना कर फरार हो गये. दूसरे दिन यह घटना आग की तरह क्षेत्र में फैल गयी. पुलिस ने खोजी कुत्ता का भी सहारा लिया था. बावजूद अपराधियों को ढूंढने में पुलिस को अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका.
घटना में नया मोड़ : इस बहुचर्चित घटना में उस समय नया मोड़ आ गया जब 15 दिन बाद प्रशासन को सोनाली का पोस्टमार्टम रिपोर्ट हाथ लगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट हुआ कि सोनाली के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है. उसकी हत्या गला दबा कर दी गयी है. लेकिन पुलिस की शिथिलता के कारण इस हत्याकांड का रहस्य पुलिस के फाइल में दफन हो गया है. स्थानीय लोगों में आज भी इस बात की चर्चा होती है कि आखिर कब खुलेगा इस हत्याकांड का रहस्य? कातिलों तक पहुंचने के लिए क्या कर रहे हैं केश के अनुसंधानकर्ता. जैसे कई सवाल खुशबू उर्फ सोनाली के माता-पिता के मन में ही नहीं बल्कि पूरे प्रखंडवासी के मन को कचोट रहा है.