हजारीबाग : हम 32 प्रतिशत बिजली का दुरुपयोग करते हैं. अर्थात 68 प्रतिशत ही हम बिजली का सही उपयोग कर रहे हैं. इसकी वजह से जिले के कई क्षेत्र अंधेरे में डूबे हैं. इन क्षेत्रों में 12 घंटे भी बिजली नहीं मिल पा रही है.
पिछले माह हजारीबाग विद्युत प्रमंडल में डीवीसी से नौ लाख 75 हजार 419 यूनिट बिजली की खरीदारी की गयी. इसमें मात्र सात लाख यूनिट बिजली का सदुपयोग हो पाया.
एक छोटा सी पहल की जरूरत : बिजली बचत करने की हमारी एक छोटा सी पहल कई गांवों को रोशन बना सकता है. वहीं ढिबरी के नीचे पढ़ने वाले हजारों विद्यार्थियों का सपना साकार हो सकता है. बूंद-बूंद से घड़ा भरता है. 80 हजार 787 बिजली उपभोक्ता प्रत्येक दिन एक यूनिट बिजली बचाते हैं, तो एक लाख यूनिट के करीब बिजली बचाया जा सकता है. इससे करोड़ों रुपये का राजकोषीय घाटा कम हो सकता है.
लोड शेडिंग से भी निजात : हजारीबाग में टेंपोररी व नियमित लोड शेडिंग से करीब छह से सात घंटे बिजली बंद रहती है. जिले के केरेडारी, बड़कागांव, कटकमसांडी, इचाक, टाटीझरिया, दारू प्रखंड को सबसे कम बिजली मिलती है.
इन प्रखंडों को 12 घंटे भी बिजली नहीं मिलती. क्योंकि मांग की तुलना में बिजली की आपूर्ति कम है. लोग बिजली के सदुपयोग व दुरुपयोग में फर्क नहीं समझते. केरेडारी, बड़कागांव, टाटीझरिया, दारू प्रखंड में बिजली की मांग 950 एंपियर है. जबकि आपूर्ति 600 एंपियर. इचाक में 160 एंपियर बिजली की जरूरत है और आपूर्ति 110 होती है.