चरही : हजारीबाग कोयलांचल क्षेत्र के तापीन साउथ परियोजना में बहेरा कोल डंप यार्ड निगरानी समिति के बैनर तले धरना-प्रदर्शन किया गया. अध्यक्षता बहेरा कोल डंप के अध्यक्ष शिवलाल महतो ने किया. उन्होंने कहा कि बहेरा कोल डंप यार्ड विगत 21 वर्षो से लगातार सुचारू रूप से चल रही थी.
लगभग 10 हजार मजदूरों का जीविकोपाजर्न चलता है. लेकिन कुछ लोगों ने बहेरा कोल डंप यार्ड को साजिश के तहत दो वर्षो से बंद कर दिया है. डंप के बंद होने से मजदूरों का चूल्हा ठीक से नहीं जल रहा है.
अगर सीसीएल प्रबंधन छह दिसंबर तक बहेरा डंप खोलने को लेकर सकारात्मक कदम नहीं उठाती है तो सात दिसंबर से बहेरा डंप के बैनर तले तापीन साउथ परियोजना से उत्पादित कोयला को बंद पड़े बहेरा डंप में गिराया जायेगा. साइडिंग वासरी जाने नहीं दिया जायेगा.
झामुमो नेता देवकी महतो ने कहा कि बहेरा डंप स्व टेकलाल महतो की देन थी. इसमें हजारों मजदूरों को रोजगार मिलता था. नीलकंठ महतो ने कहा कि जिन लोगों ने बहेरा डंप को बंद कराया है उन्हें कभी सफल होने नहीं देंगे. धरना में बहेरा, चनारो, करमाबेड़ा, छापारकोचा, कजरी, हेंदेगढ़ा, जरबा, इंदिरा, सेहदा, लिखलाही, चरही, खुटियाटांड़ सहित सैकड़ों गांव के 456 दंगल सरदार, मजदूर, 55 कमेटी व 40 कमेटी के अलावा अनवर हुसैन, समाजसेवी दशरथ महतो, झनकू महतो, लालो मांझी, प्रभु मुमरू, किशन मांझी, विजय मांझी, बेनेउक सोरेन, बालकुमार महतो, शिव कुमार महतो, सुकर ठाकुर, महादेव रविदास, धनेश्वर महतो, कुलदीप महतो, विष्णु महतो, गोपाल महतो, तस्लीम अंसारी, संतोष करमाली, बालेश्वर महतो, पारसनाथ महतो, शंकर ठाकुर, कैलाश महतो, महरम केसरी, सुधु करमाली, जयनाथ महतो, जगदीश महतो, लुरंग महतो, जदुनंदन महतो, भोला सिंह, प्रमोद सिंह, भानु सिंह, दिलेश्वर महतो, सुखलाल महतो, बाली ठाकुर, बालदेव रविदास, बीरू मांझी, सोहराय मांझी, कातिलाल हांसदा, जगदीश मांझी, महेश महतो, बंशी ठाकुर, बंशु ठाकुर सहित कई लोग उपस्थित थे.