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कई रोगी इलाज के बिना लौट जाते हैं

बरही अनुमंडलीय अस्पताल का हाल दवा, पानी व चिकित्सक की कमी भी है अस्पताल की दुर्दशा का कारण बरही : बरही अनुमंडलीय अस्पताल की दुर्दशा हो गयी है़ मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था यहां नजर नहीं आती. गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है़ सड़क दुर्घटना के घायलों को […]

बरही अनुमंडलीय अस्पताल का हाल
दवा, पानी व चिकित्सक की कमी भी है अस्पताल की दुर्दशा का कारण
बरही : बरही अनुमंडलीय अस्पताल की दुर्दशा हो गयी है़ मरीजों के इलाज की समुचित व्यवस्था यहां नजर नहीं आती. गंभीर रूप से बीमार मरीजों के इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है़ सड़क दुर्घटना के घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सीधे हजारीबाग सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है़ कहने को यह अनुमंडलीय अस्पताल है. पर वास्तव में यह रेफर अस्पताल बन गया है़
अस्पताल में कार्यरत कई डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मियों में कार्य करने की इच्छा शक्ति का भारी आभाव है़ अस्पताल की व्यवस्था का प्रबंधन के प्रति जिम्मेवार पदाधिकारी अपने दायित्व का बिलकुल भी निर्वाह नहीं कर रहे है़ं
दवा का अभाव
अस्पताल में सामान्य बीमारी में काम आने वाली कई दवाईयों का अभाव
है़ उल्टी रोकने वाली, सर्दी में काम आने वाली सेट्रिजिन टेबलेट तीन महीने से अस्पताल में उपलब्ध नहीं है़ इमरजेंसी में काम आने वाली जीवन रक्षक दवाईयों की तो बात ही करना बेकार है़
सड़ रही है मशीनें
अस्पताल के लिए कार्डियो मोनिटर जैसी आधुनिक मशीन मिली पर इसका उपयोग मरीजों के इलाज में नहीं हो रहा है़ यह कार्यालय में रखे-रखे सड़ रही है़ ब्लड संग्रहण के लिए उपलब्ध फ्रीजर मशीन भी बेकार पड़ा है़ इसके अलावे अन्य कई महत्वपूर्ण उपकरण भी बेकार पड़ें हैं उनका उपयोग रोगियों के इलाज में नहीं हो रहा है़
स्वच्छता की समस्या
अस्पताल में साफ-सफाई की
गंभीर समस्या है़ चारों तरफ धूल-
गर्द और कचरे पाये जाते हैं दवा
वितरण कक्ष के सामने पान की पीक
से फर्श रंग गया है़ इमरजेंसी कक्ष
भी गंदा रहता है़ बेड और स्ट्रेचर पर गंदगी के कारण मरीजों को
लेटना मुहाल है़
चार डॉक्टर ने योगदान ही नहीं दिया
अनुमंडलीय अस्पताल में डॉ मंतोष, डॉ अनुभवा की पोस्टिंग जून में हुई थी. पर आज तक दोनों ने योगदान नहीं दिया़ डॉ भावना की पोस्टिंग बरही अस्पताल में है. पर उन्होंने तिलैया अस्पताल में प्रतिनियुक्ति करा रखी है़ नयी पोस्टिंग डॉ ऋतुराज सिंह की हुई. पर उन्होंने भी योगदान नहीं दिया़ यहां की कार्यसंस्कृति के चलते डॉ भास्कर ने इस अस्पताल को छोड़ दिया़ अस्पताल में सात डॉक्टर नियुक्त हैं ़ पर इनमें से कई अपनी ड्यूटी के प्रति ईमानदार नहीं है़ं
आॅपरेशन थियेटर में पानी नहीं
अस्पताल के आॅपरेशन थियेटर में आमतौर पर बंध्याकरण का ही आॅपरेशन होता है़ पर आॅपरेशन थियेटर के वाश बेसिन में पानी ही नहीं आता़ आॅपरेशन करने वाले सर्जन को पानी के आभाव में कई परेशानियां होती है़ गद्दों का तीन बड़ा-बड़ा बंडल एक कोने पड़ा धूल फांक रहा है़

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