हजारीबाग : कोलकाता में वर्ष 2002 में अमेरिकी सूचना केंद्र पर हमले के आराेपी व फांसी की सजा पाये आतंकी जमालउद्दीन उर्फ नािसर उर्फ जावेद काे साेमवार काे हजारीबाग की अदालत में पेश किया गया. हमले के बाद आतंकी यहां खिरगांव मुहल्ले में छिपे हुए थे. मुठभेड़ में दाे आतंकी मारे गये थे. नािसर भी इस मामले में सदर थाने में दर्ज (कांड संख्या 39/02) मामले का नामजद आरोपी है.
उस पर आर्म्स एक्ट, 307, प्रीवेंशन ऑफ टेररिज्म ऑर्डिनेंस के अलावा अन्य धाराओं में कार्रवाई हो रही है. साेमवार काे प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश विष्णुकांत सहाय के समक्ष हुई. इससे पहले उसे अलीपुर जेल से भारी सुरक्षा के बीच हजारीबाग कोर्ट लाया गया. पेशी के बाद उसे वापस अलीपुर जेल भेज दिया गया. उसकी अगली पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग से होगी.
देश भर में 27 मामले दर्ज हैं : नािसर पर हजारीबाग सदर थाना मामले के अलावा देश भर के अन्य थानों में कुल 27 मामले दर्ज हैं. इस पर सरैना थाना कांड संख्या 19/02 का भी एक मामला दर्ज है. इसमें कोलकाता की निचली अदालत ने इसे फांसी की सजा भी मुकरर्र की है.
कोर्ट परिसर में व्यापक सुरक्षा : अलीपुर से आतंकी नािसर उर्फ जावेद को कोडरमा स्टेशन लाया गया. एसआइ अरविंदम कुंडू, एएसआइ सुशील तिवारी बख्तर बंद जिप्सी में ब्लैक कैट कमांडो की सुरक्षा में इसे कोर्ट में लाया गया. प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश के कक्ष में जब तक आतंकी की पेशी हुई, कोर्ट के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गयी थी. पेशी के बाद आतंकी को लेकर सुरक्षा कर्मी अलीपुर रवाना हो गये.
क्या हुआ था खिरगांव मुहल्ले में
वर्ष 2002 में अमेरिकी सूचना केंद्र कोलकाता में हमला हुआ था. आरोपी हमलावार आतंकी घटना को अंजाम देने के बाद खिरगांव मुहल्ले में किराये के मकान में रह रहे थे. हजारीबाग एसपी दीपक वर्मा और दिल्ली क्राइम ब्रांच के एसीपी रवि शंकर प्रसाद के नेतृत्व में आतंकियों की घेराबंदी की गयी थी. 27 जनवरी 2002 को पुलिस ने घर में मौजूद दो आतंकियों जाहिद और सलीम को मार गिराया था. इनके पास से एके सिरीज की राइफल और कारतूस जब्त किये गये थे.
इसी मामले के अनुसंधान में चार अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है. इसमें जमालउद्दीन उर्फ नािसर उर्फ जावेद (राय भरत घोष लेन कोलकाता) भी है. यह आतंकी पिछले 13 वर्षों से अलीपुर जेल में बंद है.