– संजय राणा –
हजारीबाग : उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग स्थित महिला कॉलेज का विज्ञान भवन 11 वर्षो से अधूरा है. इसके कारण यहां अध्ययनरत एक हजार विज्ञान की छात्रओं के लिए कक्षा और प्रयोगशाला की कमी है. अर्जुन मुंडा की सरकार में शिक्षा मंत्री रहे बैजनाथ राम हजारीबाग के प्रभारी मंत्री भी थे.
लेकिन मानव संसाधन विभाग से बन रहे इस भवन को पूरा नहीं कराया गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव, वित्त मंत्री राजेंद्र सिंह के मंत्री बनने के बाद पहली बार 26 अगस्त को हजारीबाग आ रहे हैं. केबी महिला कॉलेज की शिक्षिकाओं व छात्रओं में एक आशा जगी है कि महिला शिक्षा मंत्री महिला कॉलेज का निरीक्षण कर करोड़ों की लागत से बन रहे इस भवन को पूरा करायेगी.
विधायक सौरभ नारायण सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव के समक्ष इस मामले को रखूंगा. वहीं संत कोलंबा कॉलेज हजारीबाग में 66 लाख की लागत से बन रहे बहुउद्देशीय परीक्षा भवन का निर्माण भी लंबित है. इसे भी पूरा कराने की मांग विद्यार्थी कर रहे हैं.
केबी महिला कॉलेज : केबी महिला कॉलेज के विज्ञान भवन को पूरा करने के लिए एचआरडी के निर्देश पर विभावि ने वर्ष 2010 में जांच कमेटी बनायी. इसमें सिंडिकेट के चार सदस्य थे. कमेटी का प्रतिवेदन विभावि सिंडिकेट में रखा गया. वर्ष 2010 में सिंडिकेट की बैठक में भवन को बनाने के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलन बनाते हुए 52 लाख रुपये स्वीकृत किया गया.
भवन का प्राक्कलन बढ़ कर एक करोड़ 52 लाख रुपये हो गया. इसके बावजूद 2010 के बाद भवन का काम शुरू नहीं किया गया. जानकारी के मुताबिक एचआरडी यह कह कर पल्ला झाड़ रहा है कि विश्वविद्यालय का सिंडिकेट काम पूरा कराने के लिए अपना प्रतिवेदन विश्वविद्यालय को दिया है.
अब विश्वविद्यालय का दायित्व बनता है कि भवन का काम पूरा कराये. एचआरडी के तरफ से प्राक्कलन की राशि दो किस्तों में कॉलेज को उपलब्ध करा दी गयी है. इधर विश्वविद्यालय का कहना है कि एचआरडी ने भवन का काम शुरू कराया है.
अगर सिंडिकेट के निर्णय को एचआरडी अनुमति देती है. तभी कॉलेज को राशि मुहैया करायी जा सकती है. इन दोनों विभागों के बीच केबी महिला कॉलेज की छात्रओं को वर्ग कक्ष की कमी झेलनी पड़ रही है.
बहुउद्देशीय परीक्षा भवन : विभावि ने बहुउद्देशीय परीक्षा भवन का काम रूकने तथा सरकार के नये भवन निर्माण नीति के बाद नया प्राक्कलन झारखंड सरकार को दिया है. जिसके तहत 66 लाख की राशि को बढ़ा कर एक करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव सरकार को वर्ष 2007, 2008, 2009 में सौंपा है. इसके बावजूद अब तक सरकार द्वारा नयी प्राक्कलन राशि की मंजूरी नहीं हुई है और भवन यूं ही अधूरा पड़ा हुआ है.
क्या थी उपयोगिता : भवन का उपयोग सामूहिक परीक्षा के लिए किया जाना था. इसमें एक हजार छात्र एक साथ परीक्षा लिख सकते हैं. वर्तमान में विभावि की परीक्षाओं का आयोजन कॉलेज अथवा विभावि परिसर में होता है. इससे कक्षाएं बाधित होती है.