बरकट्ठा : बरकट्ठा में पेयजल आपूर्ति योजना का लाभ नहीं मिलना और स्वास्थ्य विभाग में संसाधनों की कमी इस बार चुनावी मुद्दा बन सकता है. ग्रामीणों को नेताओं से अब तक विकास के नाम पर सिर्फ आश्वासन मिलता है. इस विस चुनाव को लेकर यहां के ग्रामीणों ने अपनी बातों को रखा.
प्रस्तुत है इनकी राय:
दर्शन सोनी: बरकट्ठा निवासी दर्शन सोनी ने कहा कि प्रखंड मुख्यालय में पेयजल आपूर्ति बहाल नहीं होने से बरकट्ठा के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बरकट्ठा प्रखंड कार्यालय परिसर में बना जलमीनार किसी काम का नहीं है. सफेद हाथी बनकर रह गया है. पीएचडीई विभाग की ओर से लगभग 15 वर्ष पूर्व तीन करोड़ 70 लाख रुपये की लागत से जलमीनार का निर्माण पेयजल आपूर्ति के लिए किया गया था. जिसका लाभ आज तक बरकट्ठा बाजार के लोगों को नहीं मिल पाया.
उमेश कुमार: बरकट्ठा निवासी उमेश कुमार ने कहा कि घनी आबादी वाले बरकट्ठा में पेयजल की ओर आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने ध्यान नहीं दिया. बरकट्ठा में बना जलमीनार किसी काम का नहीं है. बरकट्ठा मेन रोड के किनारे कई कुआं और चापानल फोरलेन सड़क निर्माण के क्रम में भर दिया गया. इससे बरकट्ठा के लोगों को परेशानी होती है. बरकट्ठा का जलस्तर एक दो वर्षों से काफी नीचे चला गया है. इस कारण गर्मी के दिनों में पानी के लिए लोगों में हाहाकार मचा रहता है.
रामचंद्र नायक: बरकट्ठा साहू टोला निवासी रामचंद्र नायक ने कहा कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरकट्ठा में इलाज के लिए समुचित साधन नहीं होने के कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अस्पताल में महिला चिकित्सक के नहीं रहने से महिलाओं को पुरुष चिकित्सकों से जांच करानी पड़ती है. बरकट्ठा अस्पताल का नया भवन वर्षों इंतजार के बाद बना, लेकिन उदघाटन नहीं हो पाया है. बरकट्ठा अस्पताल में गंभीर हालत में पहुंचने वाले मरीजों के लिए कोई एमरजेंसी सुविधा उपलब्ध नहीं है.