वन भूमि में मकान बनाकर रह रहे लोगों ने बरसात में वैकल्पिक व्यवस्था होने तक भूमि खाली नहीं कराने का आग्रह किया. पंचायत की मुखिया कल्पना देवी, सांसद प्रतिनिधि अमित चौबे ने विधायक गणेश व सांसद सुनील सिंह को इसकी सूचना दी. सांसद व विधायक ने उपायुक्त से वैकल्पिक व्यवस्था होने तक अभियान को विराम लगाने की बात कही.
उपायुक्त ने दक्षिणी वन प्रमंडल पदाधिकारी मधुकर को फिलहाल अतिक्रमण रोकने को कहा. इसके बाद डीएफओ ने एक सप्ताह का समय दिया. इसके बाद अभियान में शामिल टीम वापस लौट गयी. टीम में सिमरिया, चतरा, लावालौंग, हजारीबाग, बरकट्ठा, चौपारण, पीरी, टंडवा के रेंजर के अलावा काफी संख्या में वनपाल व वनरक्षी शामिल थे. दूसरी ओर सांसद प्रतिनिधि ने कहा की उक्त भूमि पर भुइयां जाति के लोग100 वर्षों से रह रहे है. कई बार उपायुक्त को आवेदन देकर वनपट्टा दिलाने की मांग की थी. वन भूमि में रह रहा खिरोधर मोची ने बताया कि उक्त जमीन पर उसके पिता स्व खैटा मोची रह रहा था. बुधन मोची व गोपाल मोची ने कहा कि जब से होश संभाले है, इस जमीन पर रह रहे है. मेरा बेटा व पोता भी यहां रह कर खेतीबारी कर जीविका चला रहे है.