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प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती, गुमला जिला के जंगलों और पहाड़ों में बसे गांवों में टीका का विरोध जारी

जारी प्रखंड के मेराल गांव में टीका कैंप लगाया गया था. स्वास्थ्यकर्मी बैठे हुए थे. तभी गांव के युवकों ने टीकाकरण का विरोध कर दिया था. सामान फेंक दिया था. बाद में इस मामले में स्वास्थ्यकर्मी द्वारा थाने में केस करने के बाद एक आरोपी को भेज भेजा गया था.

पहली घटना :

बिशुनपुर प्रखंड के एक गांव में जब स्वास्थ्यकर्मी कोरोना टीका लगाने के लिए गये थे तो ग्रामीणों ने कर्मियों को खदेड़ दिया था. मारने पीटने पर ग्रामीण उतर आये थे. डर से स्वास्थ्यकर्मी भाग गये थे. जिससे उक्त गांव में कोरोना वैक्सीनेशन प्रभावित हुआ था.

दूसरी घटना :

जारी प्रखंड के मेराल गांव में टीका कैंप लगाया गया था. स्वास्थ्यकर्मी बैठे हुए थे. तभी गांव के युवकों ने टीकाकरण का विरोध कर दिया था. सामान फेंक दिया था. बाद में इस मामले में स्वास्थ्यकर्मी द्वारा थाने में केस करने के बाद एक आरोपी को भेज भेजा गया था.

तीसरी घटना :

डुमरी प्रखंड के बिरगांव आंगनबाड़ी केंद्र में स्वास्थ्यकर्मी टीकाकरण के लिए कैंप लगाये थे. परंतु गांव के कुछ लोगों ने विरोध कर दिया था. सामान भी फेंक दिया था. कर्मियों को कमरे में बंद भी कर दिया था. केस दर्ज होने के बाद गांव के तीन युवकों को जेल भेजा गया.

ये तीन ऐसी घटनाएं हैं, जहां कोरोना टीका का विरोध हुआ. गुमला जिले में 953 गांव है. जिसमें अधिकांश गांव में टीकाकरण का विरोध हो रहा है. ग्रामीण अभी भी भ्रम व अफवाह में हैं. प्रशासन भी चाह कर लोगों को जागरूक नहीं कर पा रहा है. कई ऐसे गांव हैं. जहां लोग टीका लेने को तैयार नहीं है. कुछ गांवों में तो मात्र दो से तीन लोग ही टीका लिये हैं. इधर, प्रशासन लगातार गांव के लोगों को जागरूक करने में लगा हुआ है.

जिससे सभी को कोरोना टीका पड़ जाये और लोग सुरक्षित रहे. इधर, चैनपुर प्रखंड की मालम पंचायत के कई गांवों में टीका लेने के बाद लोगों में भ्रम बैठ गया है कि वे बीमार पड़ रहे हैं. इसलिए लोग टीका लेने से कतरा रहे हैं. बिशुनपुर प्रखंड के कसमार इलाके में सबसे खराब स्थिति है. हालांकि प्रभात खबर में कसमार इलाके का समाचार छपने के बाद प्रशासन हरकत में आया है. कुछ गांवों को फोकस कर टीकाकरण किया जा रहा है. परंतु कई गांवों तक अभी भी प्रशासन नहीं पहुंच पाया है.

टीका नहीं लेनेवाले शिक्षकों को नहीं मिलेगा वेतन : गुमला में अब जो शिक्षक या शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मी कोरोना टीका नहीं लेगा. उन्हें वेतन नहीं मिलेगा. डीइओ सह प्रभारी डीएसई सुरेंद्र पांडेय ने इस संबंध में आदेश निकालते हुए गुमला उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा को इसकी जानकारी दी हैं.

श्री पांडेय ने कहा है कि विभागीय स्तर पर टीका नहीं लेने वाले शिक्षकों का वेतन भुगतान स्थगित रखने का निर्देश दिया गया है. इसलिए अब वेतन पाना है तो सभी को टीका लेना होगा. इधर, उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने बताया कि शिक्षा विभाग के 7359 शिक्षक, पारा शिक्षक, रसोईया में से 4151 ने प्रथम तथा द्वितीय डोज नहीं लिया है. उन्होंने त्रिदिवसीय अभियान के दौरान छूटे हुए सभी शिक्षा कर्मियों को टीका लगवाने का निर्देश दिया.

गांवों तक पहुंचेंगी मोबाइन वैन : उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा है कि सुदूरवर्ती गांवों में मोबाइल वैन भेज कर लोगों का टीकाकरण कराया जायेगा. साथ ही हाई रिस्क ग्रुप के लिए कार्य योजना बना कर कार्य करने को अधिकारियों को कहा गया है. उपायुक्त ने भ्रांतियों पर अंकुश लगाने एवं कोविड-19 संक्रमण दर पता लगाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में कोविड जांच सुनिश्चित करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया.

इसके लिए उपायुक्त ने टीकाकरण टीम को आरटीपीसीआर के साथ पंचायतों में जाकर कोविड जांच भी सुनिश्चत करने का निर्देश दिया है. बैंकों में आने वाले लाभुकों का टीकाकरण की जांच करने तथा जो लाभार्थी टीका नहीं लिए हैं. उन्हें भी टीकाकरण के लिए उत्प्रेरित करने का निर्देश दिया.

इधर, टीकाकरण में ये गांव आगे हैं
पालकोट :

युवा वर्ग टीका लेने में आगे हैं : पालकोट प्रखंड के दक्षिणी भाग पंचायत के 18 वर्ष से ऊपर के 40 युवक व युवतियों ने टीका लिया है. इस पंचायत के युवा टीका लेने में आगे हैं. परंतु कुछ इलाके टीका लेने में पीछे हैं. पालकोट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बीपीएम रेखा कुमारी ने बतायी कि बिलिंगबिरा, डहुपानी पंचायत के सुदूरवर्ती पंचायत के गांवों के ग्रामिणों द्वारा कोविड का टीका लेने में हिचकिचा रहे हैं.

जारी : टीका लेने में आगे बन्झर गांव :

जारी प्रखंड के मेराल पंचायत स्थित बन्झर गांव में 125 परिवार निवास करते हैं. इसमें लगभग 135 लोग खुद टीकाकरण केंद्र जाकर कोरोना का टीका लिये हैं. इससे पहले गांव के व्यक्ति टीका लेने के लिए तैयार नहीं थे.

भरनो :

दुड़िया गांव के लोग जागरूक हैं : भरनो प्रखंड के दुड़िया गांव के लोग कोरोना टीका लेने में आगे हैं. इस गांव में 1600 आबादी है. जिसमे 680 लोगों ने कोरोना टीका लिया है. कई लोगों ने टीका के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है. प्रखंड व पंचायत के कर्मियों ने जागरूकता अभियान चलाया. जिसके बाद लोग स्वयं टीका केंद्र पहुंच कर टीका ले रहे हैं.

डुमरी : रतासिल्ली गांव में 232 टीकाकरण :

डुमरी प्रखंड के रतासिल्ली गांव में 938 परिवार निवास करते हैं. इसमें 232 लोगों ने टीका लिया है. बीपीएम राजेश केरकेट्टा ने बताया कि गांव के लोग खुद टीका ले रहे हैं. पहले गांव के लोग टीका लेने को तैयार नहीं थे. परंतु अब खुद टीका लेने के लिए केंद्र आ रहे हैं.

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