17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रैयतों ने दी आंदोलन की चेतावनी

मझियस, जिरात व बेटखेता जमीन के हस्तांतरण पर रोक लगी जिला प्रशासन ने मझियस, जिरात व बेटखेता जमीन के हस्तांतरण पर रोक लगा दी है. इससे अक्रोशित भूमि मालिकों ने प्रशासन के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. जिप उपाध्यक्ष केडी सिंह ने कहा कि यह गंभीर विषय है. अगर डीसी व एसी ने अपना आदेश […]

मझियस, जिरात व बेटखेता जमीन के हस्तांतरण पर रोक लगी
जिला प्रशासन ने मझियस, जिरात व बेटखेता जमीन के हस्तांतरण पर रोक लगा दी है. इससे अक्रोशित भूमि मालिकों ने प्रशासन के खिलाफ मोरचा खोल दिया है. जिप उपाध्यक्ष केडी सिंह ने कहा कि यह गंभीर विषय है. अगर डीसी व एसी ने अपना आदेश वापस नहीं लिया, तो अदालत में न्याय की अपील करेंगे.
गुमला : गुमला जिला प्रशासन ने मझियस, जिरात व बेटखेता जमीन के हस्तांतरण पर रोक लगा दी है. इस संबंध में डीसी ने एक मार्च 2016 को पत्र जारी किया है. पत्र में लिखा गया है कि इन तीन कैटेगरी की जमीन की अब खरीद -बिक्री नहीं हो सकती है. प्रशासन के इस रवैये से भूमि मालिक आक्रोशित हैं.
इस संबंध में मंगलवार को भूमि मालिकों ने विंदेश होटल में प्रेस कांफ्रेंस की. जिला परिषद के उपाध्यक्ष कृष्णदेव सिंह ने कहा कि गुमला जिला में 90 प्रतिशत जमीन मझियस, जिरात व बेटखेता है. सभी जिलों में इन तीन कैटेगरी की जमीन की खरीद -बिक्री हो रही है. केवल गुमला में डीसी व एसी ने उक्त जमीन की खरीद -बिक्री बंद कर विकास के काम को प्रभावित करने का प्रयास किया है. अगर प्रशासन जमीन के हस्तांतरण से रोक नहीं हटायेगा, तो जमीन मालिक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. जरूरत पड़ने पर डीसी व एसी के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे. उन्होंने कहा कि तीनों कैटेगरी की जमीन की रसीद 70 वर्षों से कट रही है. अचानक इस पर रोक लगा दी गयी है.
हर जिला में रजिस्ट्री हो रही है. केवल गुमला में ही इस तरह का नियम क्यों लगा दिया गया. जमीन का कागजात प्रशासन के पास है. 1956 के बाद से सरकार ने हमें रैयत माना है. प्रशासन स्वयं रेकर्ड की जांच करें.
जमीनदार अब रैयत हो गये हैं
1956 से पहले मझियस, जिरात व बेटखेता जमीनदारों की जमीन थी. जमीनदारी प्रथा खत्म हुई, तो 1956 के बाद जमीन पर लगान निर्धारित किया गया. जिस जमीनदार की जमीन थी, उसके नाम से पंजीयन टू में नाम चढ़ गया. पंजीयन टू में नाम चढ़ने से जमीनदार जमीन के रैयत हो गये. जिला परिषद के उपाध्यक्ष कृष्णदेव सिंह ने कहा कि इन तीनों कैटेगरी की जमीन को अंग्रेजी में प्री विलेज ऑफ लैंड गॉड कहा जाता है.
सरयू राय के साथ सीएम से मिलेंगे : सुबोध
गुमला प्रखंड के पूर्वी क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य सुबोध कुमार लाल ने कहा कि गुमला में मझियस, जिरात व बेटखेता की हजारों एकड़ जमीन है. देखा जाये तो 90 प्रतिशत जमीन इसी कैटेगरी की है. हमलोगों ने सबसे पहले उक्त समस्या को मंत्री सरयू राय के पास रखने का निर्णय लिया है. इसके बाद सरयू राय के माध्यम से मुख्यमंत्री रघुवर दास से मुलाकात कर गुमला की जमीन की जानकारी दी जायेगी. इस संबंध में सीएम को ज्ञापन प्रेषित किया गया है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें