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कटिया में जमे हैं माओवादी
कार्रवाई. नक्सली नकुल को दबोचने जमटी गयी पुलिस खाली हाथ लौटी एसपी भीमसेन टुटी जिला पुलिस व सीआरपीएफ के साथ तीन दिन से माओवादियों की मांद में हैं. वे नकुल यादव को पकड़ने के लिए घुसे हैं. जमटी, निरासी व बोरहा इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया और ग्रामीणों से मिले. पुलिस के प्रति विश्वास पैदा […]
कार्रवाई. नक्सली नकुल को दबोचने जमटी गयी पुलिस खाली हाथ लौटी
एसपी भीमसेन टुटी जिला पुलिस व सीआरपीएफ के साथ तीन दिन से माओवादियों की मांद में हैं. वे नकुल यादव को पकड़ने के लिए घुसे हैं. जमटी, निरासी व बोरहा इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया और ग्रामीणों से मिले. पुलिस के प्रति विश्वास पैदा किया. दो हार्डकोर नक्सलियों के घर की कुर्की जब्ती की.
दुर्जय पासवान
गुमला : एसपी भीमसेन टुटी तीन दिनों से माओवादियों की मांद में हैं. वे हार्डकोर नक्सली नकुल यादव को गिरफ्तार करने घुसे हैं. पुलिस को सूचना थी कि नकुल जमटी गांव में है. उसने ग्रामीणों को नजरबंद कर रखा है़ एक युवक की हत्या कर शव को फेंका दिया है.
माओवादियों के कारण लोग दहशत में हैं. इसी सूचना पर पुलिस जंगल में घुसी, लेकिन जंगल में घुसने के बाद दो दिन तक एसपी अपनी पूरी टीम के साथ मोबाइल लोकेशन से दूर रहे.
जिला से संपर्क नहीं हो रहा था. गुमला से लेकर रांची तक के पुलिस पदाधिकारी परेशान थे, लेकिन शुक्रवार को तीसरे दिन वे मोबाइल लोकेशन में आये, तो पता चला कि वे बनालात में हैं. एसपी से संपर्क नहीं होने पर पूरी जानकारी लेने सबसे पहले प्रभात खबर बनालात पहुंचा, जहां एसपी पूरी टीम के साथ नजर आये. विकास के मुद्दे पर लोगों से बात करते दिखे. साथ में एएसपी पवन कुमार सिंह व कई पुलिस पदाधिकारी थे.
नदी पार की, खराब रास्तों से गये
पुलिस बुधवार को बिशुनपुर के जमटी गांव के लिए निकली थी. बनारी तक गाड़ी से गयी. पुलिसकर्मी यहां से वे पैदल आगे बढ़े. 30 किमी तक पैदल चले. जमटी, निरासी व बोरहा इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया.
सबसे पहले बनालात गये. एसपी ने पुलिस पिकेट के समीप बिंदेश्वर गोप की हत्या करने की जानकारी ली. ग्रामीणों से बात की, फिर पैदल जमटी गये. इस दौरान रास्ते में निरासी व रेहेलदाग में दो हार्डकोर नक्सलियों के घर की कुर्की जब्ती की. जमटी पहुंचने पर लोगों से बात की. ग्रामीण पुलिस को ज्यादा कुछ जानकारी नहीं दिये. पुलिस दो दिन तक उसी इलाके में अभियान चलाते रही, फिर गुरुवार की देर रात को बनालात पुलिस लौटी. अभी भी पुलिस उसी इलाके में जमी हुई है.
बैठक कर रहे थे माओवादी
पुलिस के अनुसार, पुलिस जरूर नकुल को पकड़ने घुसी थी. तीन दिन से पुलिस नकुल के ही इलाके में है, लेकिन अभी तक माओवादियों से पुलिस की भिड़ंत नहीं हुई है. जबकि नकुल यादव अभी भी उसी इलाके में है. बताया जा रहा है कि जिस समय पुलिस जमटी गांव में थी, उस समय माओवादी कटिया गांव में बैठक कर रहे थे. अभी भी उसी इलाके में माओवादी हैं. सूचना यह भी है कि जैसे ही पुलिस जमटी से बनालात लौटी, माओवादी पुन: जमटी गांव की ओर बढ़ने लगे हैं. हालांकि पुलिस की माने, तो उस इलाके में माओवादी नहीं है. वे किसी दूसरे इलाके में चले गये हैं.
एसपी भीमसेन टुटी ने कहा
पुलिस जमटी गांव गयी थी. हमने देखा, ग्रामीण गांव में हैं. किसी को घरेलू काम तो किसी को खेत में काम करते देखा. कुछ वाहनों का आवागमन भी हो रहा है. ग्रामीणों को माओवादियों ने नजरबंद नहीं किया है. ग्रामीण गांव से आ जा रहे हैं. गांव में शांति है. 25 फरवरी को माओवादी कमांडर नकुल यादव जमटी गांव आया था. ग्रामीणों के बीच दहशत पैदा करने के लिए लोहरदगा के युवक बिंदेश्वर गोप की पिटाई करने के बाद हत्या कर दी थी. नकुल ने ग्रामीणों के बीच दहशत पैदा करने के लिए ऐसा किया है. गांव से बच्चे मांगने की बात सही है.
माओवादियों द्वारा वर्ष 2013 से बाल दस्ता बनाने के लिए बच्चा मांगा जा रहा है, लेकिन अभी तक जमटी के ग्रामीणों ने एक भी बच्चा माओवादियों को नहीं दिया है. इसी से गुस्सा में नकुल दहशत पैदा करने में लगा है. लोगों से मैंने पूछताछ की है. नकुल ने ग्रामीणों को जंगल से पत्ता व लकड़ी तोड़ने पर रोक लगायी है. इसके बावजूद लोग जंगल से पत्ता व सूखी लकड़ी का उपयोग कर रहे हैं. मैंने जंगल में लोगों को पत्ता तोड़ते देखा है. जमटी तिलईटाड़ में शव होने की सूचना थी, पर वहां कोई शव नहीं है. यह माओवादियों की चाल थी.
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