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दुष्कर्म के आरोपी को बचाने के लिए ग्रामीण हुए गोलबंद

दुर्जय पासवान गुमला : गुमला थाना के केरकी महुआटोली गांव के ग्रामीण दुष्कर्म के एक आरोपी कोेंदा दास को बचाने के लिए गोलबंद हो गये हैं़ कोंदा दास रिश्ते में पीड़िता का भाई है़ पीड़िता नि:शक्त है़ 18 जुलाई 2013 को नि:शक्त पूनम (बदला नाम) से घर में घुस कर कोन्दा ने दुष्कर्म किया था. […]

दुर्जय पासवान
गुमला : गुमला थाना के केरकी महुआटोली गांव के ग्रामीण दुष्कर्म के एक आरोपी कोेंदा दास को बचाने के लिए गोलबंद हो गये हैं़ कोंदा दास रिश्ते में पीड़िता का भाई है़ पीड़िता नि:शक्त है़
18 जुलाई 2013 को नि:शक्त पूनम (बदला नाम) से घर में घुस कर कोन्दा ने दुष्कर्म किया था. उस समय थाने में आरोपी के खिलाफ नामजद केस दर्ज हुआ. साढ़े तीन साल हो गये. पुलिस ने अभी तक आरोपी को नहीं पकड़ा है. इधर, अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए उसके वृद्ध मां व पिता सरकारी बाबुओं के दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं.
सोमवार को आरोपी के पक्ष में ग्रामीणों ने गांव में बैठक की, जहां 84 परिवार के लोग थे. बैठक में पीड़िता के माता पिता को भी बुलाया गया. पीड़िता पूनम चल नहीं सकती है. इसलिए उसकी मां उसे गोदी में लेकर बैठक में पहुंची. बैठक में पीड़िता की मां ने कहा : जब तक सांस है.
बेटी को न्याय दिलाने के लिए मैं लडूंगी. चाहे इसके लिए मेरी हत्या ही क्यों न हो जाये. बैठक के दौरान कई बार माहौल गरमाया. लेकिन पूनम की मां अडिग रही. उसने कहा कि मैं किसी भी कीमत पर नहीं झूकूंगी. आरोपी मेरा भतीजा है. उसे सजा मिलनी चाहिए. इधर, गांव के लोगों ने आरोपी का पक्ष लेते हुए कहा : आरोपी कोन्दा गूंगा है. वह बोल नहीं सकता. पीड़िता का चचेरी भाई है, इसलिए यह संभव नहीं है कि कोन्दा ने पूनम से दुष्कर्म किया है. उसे फंसाने का प्रयास किया गया है.
ग्रामीणों ने तर्क दिया कि पूनम के माता पिता व कोन्दा के पिता के बीच दो डिसमिल जमीन का विवाद था. इस मसले को लेकर गांव में बैठक हुई थी. इसमें रोधा दास (आरोपी के पिता) के पक्ष में ग्रामीणों ने सुनवाई कर दो डिसमील जमीन पर उसे हक दिलाया. जमीन पर अधिकार नहीं मिलने के बाद पूनम के माता पिता ने कोन्दा को दुष्कर्म के आरोप में फंसाया है. इस संबंध में पूनम के पिता ने कहा : यह झूठ है. हमने किसी को नहीं फंसाया. मेरी भतीजा कोन्दा ने पूनम के साथ दुष्कर्म किया है. उसे सजा दिलाकर ही रहेंगे.
समझौता कराने का प्रयास हुआ
बैठक में मुखिया नीलम तिर्की, पंचायत समिति सदस्य बिरसी उरांव व वार्ड सदस्य लोहरा सिंह व बैगा फिरन पहान उपस्थित थे. इन लोगों ने दोनों पक्षों की बात को सुना है. अपने स्तर से इन लोगों ने दोनों पक्षों को सुलह करने की सलाह दी है़ वहीं लोगों को जागरूक भी किया.
पंसस बिरसी उरांव ने कहा कि मुझे घटना की कोई जानकारी नहीं है. रविवार को कोन्दा की मां सुगरीन देवी उसके पास आयी थी. उसने सोमवार को गांव में बैठक होने की सूचना दी. जब मैं बैठक में आयी, तो पता चला कि दुष्कर्म के मामले में समझौता होना है. अगर थाना में केस है, तो यह कानूनी प्रक्रिया है.
कोन्दा चुपचाप सुनता रहा
बैठक में आरोपी कोन्दा दास को भी बुलाया गया. शुरू में वह भीड़ के बीच बैठा. बाद में उसे बीच में बुलाया गया. वह खड़ा हो गया. वह बोल नहीं सकता, इसलिए चुपचाप खड़ा था. वह सभी लोगों की बातों को सुन रहा था. कभी आंखों को नीचे झुका लेता था. बैठक में क्या हो रहा है, उसे कुछ पता नहीं चल रहा था, क्योंकि वह बोल नहीं सकता. सुन भी नहीं सकता.
सुलहनामा कराया जायेगा : वार्ड सदस्य
महुआटोली गांव के वार्ड सदस्य लोहरा सिंह ने कहा कि मेरे गांव का मामला है. घटना के साढ़े तीन साल हो गये. पहले भी दो बार गांव में बैठक हुई थी. यह तीसरी बैठक है. परिजन कह रहे हैं कि दुष्कर्म हुआ है, जबकि आरोपी गूंगा है. वह बोल नहीं सकता. लेकिन इशारे में बात करने पर उसने दुष्कर्म की बात से इनकार किया है. हमलोग प्रयास कर रहे हैं कि सुलहनामा हो जाये, क्योंकि सभी को गांव में ही रहना है.
किसी को डायन कहते नहीं सुना है : पाहन
गांव के बैगा फिरन पाहन की अध्यक्षता में बैठक हुई. उन्होंने कहा कि गांव के लोग केस उठाने के लिए पीड़ित परिवार से कह रहे हैं, लेकिन ये लोग तैयार नहीं है. जहां तक मुझे जानकारी है आरोपी कोन्दा दुष्कर्म की बात से इनकार कर रहा है. उसके माता पिता भी अपने बेटे को बेगुनाह बता रहे हैं.
दुष्कर्म के बाद उठ नहीं पाती पूनम
पीड़िता के पिता ने कहा : आरोपी कोन्दा गांव में खुलेआम घूम रहा है. उसने शादी भी कर ली. कई बार मारने की धमकी भी दी गयी. तीन साल से जशपुर में छिप कर रह रहे थे. दीपावली पर्व में गांव आये हैं.
आरोपी को गांव में देख कर पुलिस से पकड़ने की मांग कई बार की, लेकिन थाने का बड़ा बाबू आरोपी को बचा रहा है. केस को भी दबा कर रखे हुए हैं. गांव के लोग एकजुट हो गये हैं, लेकिन इससे हम डरेंगे नहीं. बेटी को न्याय दिलाने के लिए हम लड़ेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि दुष्कर्म से पहले उसकी बेटी खड़ा होकर दीवार पकड़ कर चलती थी, लेकिन जब से दुष्कर्म हुआ है, वह खड़ी नहीं हो पाती. यहां तक की घसीट कर भी नहीं चल पाती. जहां बैठती है, वहीं बैठी रह जाती है. उसकी मां उसे देखती है.
मेरा बेटा कोन्दा बेकसूर है : माता पिता
आरोपी कोन्दा के पिता रोधा दास व मां सुगरीन देवी ने कहा कि उसका बेटा बेकसूर है. एकलौता बेटा है. वह बोल नहीं सकता. दुष्कर्म करने के बारे में वह कभी नहीं सोच सकता है.
उसे फंसाया जा रहा है. अगर वह कसूरवार रहता, तो साढ़े तीन साल पहले केस हुआ है. अभी तक पुलिस उसे पकड़ कर ले जाती. जिन लोगों ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है, वह उसके ही रिश्तेदार हैं. अपनी नि:शक्त बेटी को मेरे बेटे से शादी कराने के लिए इस प्रकार का आरोप लगाया गया है.

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