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गुमला :15 लाख का इनामी माओवादी ढेर
दो लाख का इनामी सबजोनल कमांडर दिलबर गिरफ्तार गुमला : चैनपुर थाना क्षेत्र स्थित बारडीह पंचायत के डीपाडीह गांव में शनिवार की सुबह पांच बजे पुलिस मुठभेड़ में भाकपा माओवादी की बिहार रिजनल कमेटी का सदस्य सिलवेस्टर उर्फ शक्ति उर्फ शिवनंदन भगत मारा गया. उसके ऊपर 15 लाख रुपये का इनाम था. हाल ही उसका […]
दो लाख का इनामी सबजोनल कमांडर दिलबर गिरफ्तार
गुमला : चैनपुर थाना क्षेत्र स्थित बारडीह पंचायत के डीपाडीह गांव में शनिवार की सुबह पांच बजे पुलिस मुठभेड़ में भाकपा माओवादी की बिहार रिजनल कमेटी का सदस्य सिलवेस्टर उर्फ शक्ति उर्फ शिवनंदन भगत मारा गया.
उसके ऊपर 15 लाख रुपये का इनाम था. हाल ही उसका सबजोनल कमांडर से पदोन्नति हुआ था. गुमला इलाके का वह जोनल सचिव भी था. इसके साथ पुलिस ने दो लाख के इनामी सब जोनल कमांडर दिलबर नायक को गिरफ्तार किया है. वह मलेरिया से पीड़ित है.
दिलबर के साथ उसकी पत्नी मंजु देवी भी थी. पुलिस ने घटनास्थल से 21,400 रुपये नकद, एक केन बम, एक एके47, एक राइफल, 40 जिंदा गोलियां, 100 मीटर तार, तीन मोबाइल, दवा का पैकेट, घड़ी, पिट्ठ बरामद किये. ये सभी लोग डीपाडीह के वार्ड पार्षद मेघनाथ साय के घर में 10 दिनों से शरण लिये हुए थे.
एसपी भीमसेन टुटी को मिली सूचना पर जिला पुलिस, सीआरपीएफ व कोबरा ने संयुक्त अभियान चलाया.डर से नक्सलियों को रखा था : पार्षद : वार्ड पार्षद मेघनाथ साय ने कहा कि वह डर से नक्सलियों को शरण दिये हुए था. शरण नहीं देने पर वे जान से मार देते. उसके घर में 10 दिन से दिलबर का इलाज सिलवेस्टर करवा रहा था.
सरेंडर नहीं करता, तो दिलबर भी मारा जाता : दिलबर की पत्नी मंजु देवी ने कहा कि जब पुलिस ने घर की घेराबंदी की, तो दिलबर भागना चाह रहा था. लेकिन मैंने उसे सरेंडर करने के लिए कहा. सरेंडर नहीं करने से दिलबर भी मारा जाता. मंजु ने कहा कि सिलवेस्टर गोली चलाते भाग रहा था, इसलिए मारा गया.
बाइक से घटनास्थल पहुंचे डीआइजी
रांची जोन के डीआइजी अरुण कुमार सिंह व सीआरपीएफ के डीआइजी आर राय हेलीकॉप्टर से चैनपुर पहुंचे. एसपी भीमसेन टुटी के साथ बाइक में सवार होकर घटनास्थल गये. मजिस्ट्रेट के रूप में एसडीओ सीमा कुमारी उदयपुरी व सीओ सुमंत तिर्की थे. इन लोगों ने घटनास्थल का मुआयना किया. ग्रामीणों से पूछताछ की. गिरफ्तार दिलबर से पूछताछ की.
जंगल में की प्रेस कांफ्रेंस
पुलिस के वरीय अधिकारियों ने पहली बार डीपाडीह जंगल में प्रेस कांफ्रेंस की. डीआइजी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि डीपाडीह में माओवादी जुटे हुए हैं. इस सूचना पर त्वरित कार्रवाई की गयी. मुठभेड़ में सिलवेस्टर मारा गया. भागने के क्रम में सिलवेस्टर ने भी गोली चलाने की कोशिश की, लेकिन गोली फंस गयी और सिलवेस्टर मारा गया, जबकि दिलबर सरेंडर कर दिया.
बड़े माओवादियों का सफाया
माओवादी के सबजोनल कमांडर सुशील गंझू व प्रसाद लकड़ा को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. चैनपुर में मुठभेड़ में नक्सली दीपक मारा गया था. इसके बाद सिलवेस्टर मारा गया. दिलबर पकड़ा गया. इससे चैनपुर, डुमरी, जारी प्रखंड के अलावा बिशुनपुर, रायडीह व गुमला के आधा हिस्सा में माओवादी के बड़े नेता का सफाया हो चुका है.
पार्षद के घर में छिपे थे सभी : दिलबर नायक पांच साल से शुगर की बीमारी से ग्रसित है. अभी 15 दिन पहले उसे मलेरिया भी हो गया. सिलवेस्टर उसे इलाज के लिए डीपाडीह गांव के वार्ड पार्षद मेघनाथ के घर में रखे हुए थ. गुमला के एक डॉक्टर द्वारा गांव जाकर दिलबर की जांच की जा रही थी. दिलबर की देखरेख के लिए उसकी पत्नी मंजु देवी भी तीन दिन से वहीं थी.
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