गुमला : गुमला मंडल कारा में 25 बच्चे अपने मां पिता के साथ सजा काटने को मजबूर है. इसमें 14 लड़के व 11 बच्चियां हैं. सभी की उम्र छह साल से कम है. ये बच्चे अपने माता-पिता के साथ जेल की काल कोठरी में बंद हैं.
हालांकि जेल प्रशासन द्वारा इन्हें शिक्षा दीक्षा की व्यवस्था की जा रही है. गुमला मंडल करा में क्षमता से दोगुना बंदी हैं. जेल की क्षमता 215 है जिसमें 200 पुरुष व 15 महिलाओं के रहने का प्रावधान है. वर्तमान में जेल के अंदर 694 बंदी हैं.
इसमें पुरुष 627 व महिलाएं 67 हैं. पहले जब उपकारा था तो बंदियों की क्षमता मात्र 98 थी. पांच वर्ष पूर्व जेल का विस्तारीकरण हुआ. लेकिन बंदियों की संख्या आज भी क्षमता से काफी अधिक है. बंदियों को सोने में कठिनाई होती है.
यह जेल 1902 में बना है. नया जेल के लिए भूमि की तलाश की जा रही है. जेल के लिए 35 एकड़ का भूखंड चाहिए. जेल के अंदर चिकित्सा सुविधा नदारद है. अगर कोई बंदी अधिक बीमार पड़ जाता है तो उसे पास के ही सदर अस्पताल में ले जाना पड़ता है. इसके लिए कोर्ट से आदेश लेना पड़ता है.
जेल में जैमर लगाया गया है लेकिन कभी कभी जैमर भी काम करना बंद कर देता है. जेलर अनिमेष कुमार चौधरी का कहना है कि जेल के बंदियों में पैनी नजर रखी जा रही है. गुमला जिले में भाकपा माओवादी, पीएलएफआइ व पहाड़ी चीता गिरोह के कई बड़े बड़े अपराधी बंद हैं. इस जेल की दीवार फांद कर कई बार अपराधी भाग चुके हैं.
– ओमप्रकाश चौरसिया –