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दो गांवों को जोड़ने के लिए बनेगा पुल : डीसी

गुमला डीसी वैसे गांवों की सूची प्राप्त करने में जुटे, जहां पुल नहीं है. गुमला : झारखंड राज्य का पहला जिला गुमला है, जहां पुल व सड़क कम है. यही वजह है कि बरसात के दिनों में कई गांव टापू बन जाते हैं. दो गांवों को जोड़ने वाली नदी में पुल नहीं है. अगर कहीं […]

गुमला डीसी वैसे गांवों की सूची प्राप्त करने में जुटे, जहां पुल नहीं है.

गुमला : झारखंड राज्य का पहला जिला गुमला है, जहां पुल व सड़क कम है. यही वजह है कि बरसात के दिनों में कई गांव टापू बन जाते हैं. दो गांवों को जोड़ने वाली नदी में पुल नहीं है.
अगर कहीं पुल बना है, तो एप्रोच पथ नहीं है. जिससे गांव के लोगों को आवागमन में परेशानी होती है. पुल व सड़क को लेकर लगातार गुमला में आंदोलन होता रहा है. कई गांवों में वोट बहिष्कार तक हो गया है. कुछ गांवों में तो लोगों ने नेताओं के प्रवेश पर भी रोक लगा चुके हैं.
ग्रामीण कहते हैं कि पुल व सड़क नहीं रहने के कारण ही हमारे क्षेत्र का विकास बाधित है. पुल व सड़क की इन समस्याओं को गुमला डीसी शशि रंजन ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा है कि जिन दो गांवों को जोड़ने वाली नदी में पुल नहीं है, वहां प्राथमिकता के तौर पर पुल बनाया जायेगा. साथ ही जहां पुल बन गया है और एप्रोच पथ नहीं है. उन पुलों के दोनों छोर एप्रोच पथ बनाया जायेगा.
डीसी ने कहा है कि अगर किसी को लगता है कि छोटी नदियों में पुल की जरूरत है, वे अगर सूचना देते हैंं तो उसकी सूची तैयार की पुल बनवाया जायेगा. उन्होंने पुल के दोनों छोर पर अधूरे एप्रोच पथ को भी बनवाने का आश्वासन दिया है. डीसी का मानना है कि गुमला जिले के गांवों की भौगोलिक बनावट व छोटी-बड़ी नदियों के कारण आज भी कई गांव बरसात में टापू बन जाते हैं, इसलिए पुल नहीं रहने की समस्या को देखते हुए तीन से चार स्पेन के छोटे पुल बनाने का काम किया जायेगा.
डीसी ने कहा है कि बिशुनपुर प्रखंड के कठठोकवा नदी में छोटा पुल बना है. आज इस पुल के कारण दर्जनों गांव के लोग आवागमन कर रहे हैं. यह इस क्षेत्र के लिए खुशखबरी है. पहले पुल नहीं था, तो लोगों को बरसात में टापू में रहने के लिए विवश होना पड़ता था, परंतु अब कठठोकवा पुल बनने से लोग आराम से सफर कर रहे हैं.
गुमला विधायक भूषण तिर्की ने कहा है कि गुमला का ग्रामीण परिवेश आज भी जंगल व पहाड़ों में बसा हुआ है. कुछ क्षेत्रों में समतल इलाका भी है.
गुमला की जो बनावट है, यहां कई छोटी बड़ी नदी है, जो दो गांवों को जोड़ती है, परंतु कई ऐसे गांव हैं, जहां पुल नहीं है. जिस कारण एक गांव से दूसरे गांव जाने के लिए लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है. कई गांव में स्कूल के बच्चे पुल के अभाव में बरसात में स्कूल नहीं जा पाते हैं. मैं प्रशासन से मिल कर उन सभी गांवों में छोटे पुल बनवाने का काम करूंगा.

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