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संत तुलसीदास की जयंती मनी

सिसई. रंजीत नारायण सरस्वती विद्या मंदिर में सोमवार को तुलसी जयंती के अवसर पर निबंध, सुलेख व चित्रकला प्रतियोगिता हुआ. मानस पाठ प्रतियोगिता में भी भैया-बहनों ने भागीदारी निभायी. इसमें 12 भैया-बहनों ने अपनी सहभागिता निभायी थी. जिसमें प्रथम पूर्णिमा रानी व विमल उरांव, द्वितीय प्रिया कुमारी व तृतीय काजल कुमारी व अदिति कुमारी ने […]

सिसई. रंजीत नारायण सरस्वती विद्या मंदिर में सोमवार को तुलसी जयंती के अवसर पर निबंध, सुलेख व चित्रकला प्रतियोगिता हुआ. मानस पाठ प्रतियोगिता में भी भैया-बहनों ने भागीदारी निभायी. इसमें 12 भैया-बहनों ने अपनी सहभागिता निभायी थी. जिसमें प्रथम पूर्णिमा रानी व विमल उरांव, द्वितीय प्रिया कुमारी व तृतीय काजल कुमारी व अदिति कुमारी ने प्राप्त किया. इस मौके पर विजेता भैया-बहनों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. मानस पाठ के बाद भैया आशीष ओहदार ने संत तुलसीदास की जीवनी पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला. मौके पर प्रधानाचार्य सुरेश मंडल ने कहा कि 1554 ई में जन्में संत तुलसीदास जी ने मुगलकाल के समय समाज में भक्तिरस भरने का कार्य किया. जो आज भी हमारे समाज में प्रासंगिक है. रामचरित मानस लिख कर पूरे विश्व को दिशा देने का कार्य किया है. मौके पर जामवंती मिश्रा, शिवचरण उरांव, ममता देवी, कौशल्या रानी, कमल सिंह, बदरी नारायण सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.

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