गुमला : गुमला जिले में मनरेगा से संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक शुक्रवार को उपविकास आयुक्त हरिकुमार केसरी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में जिले के सभी प्रखंडों के बीपीओ, जेइ व एइ शामिल हुए. उपविकास आयुक्त ने प्रखंडवार सभी प्रखंडों में मनरेगा से संचालित योजनाओं की समीक्षा की.
समीक्षा के क्रम में उपविकास आयुक्त ने सभी कर्मियों को कार्यशैली में सुधार लाने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि गुमला जिले में मनरेगा की लगभग 14 हजार योजनाएं लंबित है. अभी आदर्श आचार संहिता लागू है. 23 मई को मतगणना के बाद आदर्श आचार संहिता खत्म होगा, तब तक लंबित योजनाओं को किसी तरह से पूर्ण करना है.
उसकी तैयारी कर लें और 23 मई के बाद युद्ध स्तर पर योजना को पूर्ण करने में लग जायें. उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा प्रदर्शन कर प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वाले प्रखंड को सम्मानित किया जायेगा. वहीं सबसे नीचे से प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर रहने वाले प्रखंड के बीडीओ, बीपीओ, जेइ, एइ सहित अन्य संबंधित कर्मियों पर विभागीय कार्रवाई होगी.
उन्होंने कहा कि उद्योग विहीन गुमला जिले में रोजगार की समस्या है. रोजगार के अभाव में ग्रामीण क्षेत्र के लोग पलायन करते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करने के लिए मनरेगा से अधिक से अधिक योजनाएं लें और सालों भर संचालित करें, ताकि लोगों को उनके अपने ही गांव में रोजगार मिल सके. मजदूरी के बाद समय पर मजदूरों की मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करें.
वहीं बैठक में अनुपस्थित रहने वाले 10 जेइ को स्पष्टीकरण नोटिस जारी करते हुए सभी एइ को नियमित रूप से क्षेत्र का भ्रमण कर योजनाओं को पूर्ण कराने की दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया.