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गुमला पुलिस अपराध नियंत्रण करने में सफल रही , इस साल दो माओवादी, 19 पीएलएफआइ 68 अपराधी व 178 वारंटी गिरफ्तार हुए

दुर्जय पासवान, गुमला : गुजरते साल-2018 में गुमला पुलिस अपराध नियंत्रण करने में सफल रही है. इस एक वर्ष में गुमला जिले की पुलिस ने भाकपा माओवादी के दो नक्सली, पीएलएफआइ के 19 उग्रवादी, विभिन्न संगठनों के 68 अपराधी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.इन 68 अपराधियों में कई कुख्यात व अंतरराज्यीय अपराधी भी हैं. […]

दुर्जय पासवान, गुमला : गुजरते साल-2018 में गुमला पुलिस अपराध नियंत्रण करने में सफल रही है. इस एक वर्ष में गुमला जिले की पुलिस ने भाकपा माओवादी के दो नक्सली, पीएलएफआइ के 19 उग्रवादी, विभिन्न संगठनों के 68 अपराधी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है.इन 68 अपराधियों में कई कुख्यात व अंतरराज्यीय अपराधी भी हैं. जबकि पुलिस ने 178 वारंटियों को पकड़ कर जेल भेजने में सफल रही है.
पुलिस को लगातार सफलता मिली है. वहीं भाकपा माओवादी, पीएलएफआइ व अपराधियों के खिलाफ चलाये गये अभियान में पुलिस को भारी मात्रा में हथियार व विस्फोटक भी मिला है. इधर, गुमला के नये एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा के गुमला में योगदान देने के बाद शहरी अपराध में भारी कमी आयी है.
लोग उम्मीद जता रहे हैं कि गुमला में अब अपराध का ग्राफ कम होगा. इस संबंध में एसपी अश्विनी कुमार सिन्हा ने कहा कि गुमला जिले को अपराध मुक्त बनाने के लिए हमारी पूरी पुलिस टीम लगी हुई है. जनता का भी सहयोग मिले तो छोटे अपराध को भी जड़ से खत्म किया जा सकता है. हम प्रयास करें कि गुमला बेहतर जिला बने.
इसके लिए हम सभी को मिल कर काम करना होगा. उन्होंने कहा है कि गुमला जिले में कोई भी अपराधी व नक्सली गिरोह हो. पुलिस उस गिरोह का खात्मा करेगी. इसके लिए पुलिस पूरी तरह तैयार है और अपनी रणनीति के तहत काम कर रही है. हमारे जिले के जाबांज सिपाही किसी भी गिरोह से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं.
भाकपा माओवादी, पीएलएफआइ व जेजेएमपी उग्रवादियों को चुनौती देते हुए कहा कि इन लोगों से जब भी पुलिस की मुठभेड़ होगी. इन संगठनों के लोग मारे जायेंगे. हालांकि एसपी ने इन गिरोह के कमांडरों व सदस्यों से कहा है कि वे सरेंडर कर दें. लोकतंत्र का सम्मान करें. सरेंडर करेंगे तो वे लंबी जिंदगी अपने परिवार के साथ जी सकते हैं. एसपी ने कहा है कि सक्रिय पीएलएफआइ जल्द खत्म होगा. उन्होंने वर्ष 2018 में कई कमांडरों व सदस्यों के पकड़े जाने पर खुशी प्रकट की है.
केस वन
19 फरवरी 2018 को आंजनधाम में लगाये गये तीन लैंड माइंस को पुलिस ने निष्क्रिय किया था. इस बम को डेढ़ साल पहले माओवादियों ने लगाया था. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस रास्ते से राज्यपाल, मुख्य सचिव सहित कई लोग गुजर चुके थे. लेकिन यह बम फटा नहीं. विस्फोट होने से पहले ही पुलिस ने उसे बरामद का बरबाद कर दिया. यह पुलिस के लिए बहुत बड़ी सफलता थी कि बीच सड़क से बम को बरामद किया गया था.
केस टू
तीन मार्च 2018 को बिशुनपुर के लोदापाठ जंगल से मैगजिन के साथ कारबाइन एक पीस, 315 बोर का रायफल मैगजिन के साथ एक पीस, नाइन एमएम की गोली 85 पीस, 315 बोर की गोली 77 पीस, हैंड ग्रेनेड चार पीस, डेटोनेटर दो पीस, मैगजिन पाउच दो पीस, नक्सल साहित्य, परचा, बलू रंग का बैग एक पीस, 315 बोर के रायफल का स्पेयर पार्टस बरामद हुआ था. पुलिस के खिलाफ उपयोग करने के लिए इसे छिपा कर रखा गया था.
केस थ्री
20 मार्च 2018 को गुमला व लोहरदगा के सीमावर्ती जुरनी गांव में पुलिस व भाकपा माओवादी के सबजोनल कमांडर रवींद्र गंझू के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी. उस समय माओवादी वहां से भाग गये थे. लेकिन पुलिस ने सर्च ऑपरेशन के दौरान आइइडी बम, नौ हथियार, जिलेटिन व अन्य सामान बरामद किया था. उस समय जैसी सूचना मिली थी कि पुलिस के घुसने पर उसे नुकसान पहुंचाने की पूरी तैयारी थी. लेकिन पुलिस को भारी पड़ता देख सभी माओवादी वहां से भाग निकले थे.

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