गुमला : रायडीह प्रखंड को नवगठित चैनपुर अनुमंडल में शामिल किये जाने के विरोध में मंगलवार को रायडीह प्रखंड के 13 पंचायतों के ग्रामीण सड़क पर उतर आये. वे गुमला पहुंच कर उपायुक्त कार्यालय का घेराव किया और कचहरी परिसर स्थित हड़ताली वृक्ष के समीप धरना-प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में लगभग पांच हजार ग्रामीण शामिल थे.
रायडीह के ग्रामीण गुमला स्थित करौंदी बगीचा में सुबह नौ बजे से ही जुटने लगे थे और देखते ही देखते दोपहर लगभग 12 बजे हजारों की संख्या में जमा हो गये. करौंदी बगीचा से जनसंघर्ष समिति के अध्यक्ष विनय लाल, विधायक कमलेश उरांव, पूर्व विधायक वैरागी उरांव सहित कई गणमान्य लोगों के नेतृत्व में बृहद रूप से जुलूस निकाला गया.
मौके पर विनय लाल ने कहा कि झारखंड सरकार के अविवेक पूर्ण नीति के कारण आज रायडीह की जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. प्रखंड की जनता को विगत दो माह से जाति, आय और आवासीय जैसे प्रमाण पत्रों को बनवाने में भारी परेशानी हो रही है. जो काम पहले आसानी से गुमला में हो जाता था. उसी काम के लिए रायडीह की जनता को 35 से 40 किलोमीटर की दूरी तय कर चैनपुर जाना पड़ रहा है.
जिले के सभी अधिकारी और कर्मचारी उग्रवादियों का भय बता कर जिला मुख्यालय में रहते हैं. जिस कारण सरकारी कार्य भी सही से नहीं हो पा रहा है. लेकिन अब रायडीह की जनता जाग चुकी है. मांग के समर्थन में 23 जून से एक सप्ताह तक रायडीह प्रखंड में धरना दिया जायेगा. इसके बाद दो जुलाई से सड़क जाम किया जायेगा. विधायक कमलेश उरांव ने कहा कि रायडीह को राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यावहारिक दृष्टिकोण से चैनपुर अनुमंडल में शामिल करना गलत है. हम जनता के साथ हैं. ऐसा होने नहीं दिया जायेगा.
वैरागी उरांव ने कहा कि चैनपुर को अनुमंडल बनाना सराहनीय है. लेकिन रायडीह को चैनपुर में शामिल करना दु:खदायी है. मौके पर शक्ति साहू, चुमनु उरांव, इस्माइल कुजूर, विरेंद्र उरांव, यशोदा उरांव, जगदीश सिंह आदि उपस्थित थे.