गुमला : शहरी क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत गुमला के तत्वावधान में संचालित कई सुलभ शौचालय सह स्नानागार सुविधाविहीन हैं. शौचालय से नगर पंचायत विभाग राजस्व की वसूली तो प्राप्त कर रहा है, लेकिन आम लोगों के लिए वहां सुविधाओं का टोटा है.
नगर पंचायत क्षेत्र के स्थानीय ललित उरांव बस पड़ाव में संचालित दो सुलभ शौचालय सह स्नानागार निर्माण काल के बाद से ही रख-रखाव व सुविधाओं के अभाव में खंडहर के रूप में तब्दील होता जा रहा है. बस पड़ाव में दूर-दराज से आये यात्राियों को सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाये गये दोनों शौचालय सह स्नानागार में पानी, सफाई, रंग रोगन, दरवाजा खिड़की, बिजली, पेन सहित वहां लगाये गये नल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं. साथ ही शौचालय में महिला व पुरुष शौचालयों के कमरों की संख्या कम होने से दूर-दराज से आये लोगों को लाइन में खड़े होकर इंतजार भी करना पड़ता है. खास कर महिला यात्राियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.
बस पड़ाव के दोनों शौचालय सह स्नानागार से सालाना विभाग को लाखो रुपये राजस्व की प्राप्ति हो रही है. निविदा हो जाने के बाद एग्रीमेंट नहीं होने के कारण ये दोनों शौचालय विभाग द्वारा ही संचालित किये जा रहे हैं. गौरतलब हो कि स्थानीय ललित उरांव बस पड़ाव से नगर पंचायत गुमला को करोड़ों रुपये के राजस्व की अन्य श्रोतों से प्राप्त होती है. इसके बाद भी विभाग इस दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रहा है. वहीं दूसरी ओर नगर पंचायत गुमला अंतर्गत पटेल चौक के समीप वर्षो पुराने बने सुलभ शौचालय, स्थानीय सदर अस्पताल परिसर स्थित सुलभ शौचालय व बाजारटांड़ स्थित सुलभ शौचालय का हाल बदतर है.
सदर अस्पताल परिसर स्थित सुलभ शौचालय सह स्नानागार निर्माण काल के बाद अब तक बंद पड़ा है. जो धीरे-धीरे खंडहर के रूप में तब्दील होता जा रहा है. करोड़ों रुपये खर्च कर निर्माण काल के बाद भी आज तक कभी भी किसी भी पदाधिकारी व नगर पंचायत विभाग ने इसकी सुध नहीं लिये हैं. नगर पंचायत द्वारा संचालित इन सभी सुलभ शौचालय सह स्नानागार में ग्राहकों से वसूली जा रही राशियों का कोई ब्योरा नहीं है और न हीं ग्राहकों को नगर पंचायत गुमला अंतर्गत प्रदान की जाने वाली टोकन रसीद दिया जाता है.