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दिल्ली में नाबालिग ने रेप के बाद बच्चे को जन्म दिया

गुमला : मानव तस्करों द्वारा दिल्ली के गुड़गांव में बेची गयी गुमला की आशा (बदला नाम) ने रेप के बाद जून माह में बच्चे को जन्म दिया है. लेकिन अब आशा सदमे में है.सदमे में रहने के कारण आशा 15 दिनों तक अपने बच्चे का मुंह नहीं देखी. उसकी काउंसेलिंग की गयी. इसके बाद उसने […]

गुमला : मानव तस्करों द्वारा दिल्ली के गुड़गांव में बेची गयी गुमला की आशा (बदला नाम) ने रेप के बाद जून माह में बच्चे को जन्म दिया है. लेकिन अब आशा सदमे में है.सदमे में रहने के कारण आशा 15 दिनों तक अपने बच्चे का मुंह नहीं देखी. उसकी काउंसेलिंग की गयी. इसके बाद उसने बच्चे का मुंह देखा. उसके मन में इस कदर डर बैठा हुआ है कि वह किसी से बात नहीं कर रही है. कुछ बोलने पर चुपचाप सुनती रहती है. बुधवार को आशा को दिल्ली से गुमला लाया गया है.
आशा की स्थिति को देखते हुए उसे नारी निकेतन में रखा है. आशा के साथ उसका बच्चा भी है. जबतक आशा की स्थिति में सुधार नहीं हो जाता है, उसे नारी निकेतन गुमला में ही रखा जायेगा. शक्तिवाहिनी दिल्ली के ऋषिकेष ने कहा कि आशा की दिमागी स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण उसका इलाज रिनपास में कराया गया है. डॉक्टर ने जांच के बाद दो माह का दवा दिया है. डॉक्टरों के अनुसार, दो माह के बाद आशा की स्थिति में सुधार होगा.
वहीं बुधवार को शक्तिवाहिनी व सीडब्ल्यूसी के पदाधिकारी डीसी शशि रंजन से उनके कार्यालय में मिले. आशा की स्थिति के बारे में जानकारी दी गयी. आशा के साथ घटित घटना की जानकारी के बाद डीसी ने आशा को तत्काल में 10 हजार रुपये देने के लिए अधिकारियों को कहा है. साथ ही आइटीडीए निदेशक कृष्ण किशोर को आवश्यक कागजी कार्रवाई के बाद डेढ़ लाख रुपये देने के लिए कहा, ताकि आशा की देखभाल में उक्त पैसा खर्च किया जा सके. वहीं आशा के साथ जिस प्रकार की घटना घटी है, आशा को विक्टिम कंपनसेशन के तहत पांच लाख रुपये मुआवजा की राशि कई चरणों में मिलेगी.
सदमे में रहने के कारण आशा 15 दिनों तक अपने बच्चे का मुंह नहीं देख पायी थी, काउंसेलिंग के बाद उसने बच्चे का मुंह देखामानव तस्करों ने आशा की जिंदगी बर्बाद कीगुमला की 15 वर्षीया आशा की गरीबी का फायदा उठा कर मानव तस्करों ने वर्ष 2016 के दीपावली पर्व में उसे दिल्ली में ले जाकर बेच दिया था. दिल्ली में बेचे जाने के बाद गुड़गांव के एक घर में वह घरेलू का काम करती थी, जहां उसके साथ वर्ष 2017 में रेप हुआ. रेप के बाद वह गर्भवती हो गयी.
घर मालकिन ने उसका गर्भपात कराने का प्रयास किया, लेकिन आशा गर्भपात के लिए तैयार नहीं हुई. आशा की स्थिति खराब होने पर घर मालकिन उसे गुड़गांव अस्पताल ले गयी, जहां वर्ष 2018 के मई माह में उसका गर्भपात कराने का प्रयास किया गया. लेकिन इसकी गुप्त सूचना शक्तिवाहिनी के सदस्यों को हो गयी.
शक्तिवाहिनी ने आशा का गर्भपात होने से रोका. इसके बाद आशा ने 31 मई को गुड़गांव अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया. मामला उजागर होने के बाद मानव तस्करी का एक केस महिला थाना गुड़गांव में दर्ज हुआ है. इसके बाद रेप का भी केस किया गया. इस मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जून माह में जेल भेज दिया है.

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