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जेल से संचालित कर रहे हैं संगठित अपराध !

– आनंद जायसवाल – फहीम, अखिलेश व विकास दुबे जैसे अपराधी हैं यहां बंद दुमका : राज्य के बड़े अपराधी कोयला नगरी के आतंक माने जाने वाले फहीम खान, लौह नगरी में अपना लोहा मनवाने वाले अखिलेश सिंह, गढ़वा में साम्राज्य चलाने वाले विकास दुबे व पलामू में गैंग संचालित करने वाले आलोक पांडेय के […]

– आनंद जायसवाल

फहीम, अखिलेश विकास दुबे जैसे अपराधी हैं यहां बंद

दुमका : राज्य के बड़े अपराधी कोयला नगरी के आतंक माने जाने वाले फहीम खान, लौह नगरी में अपना लोहा मनवाने वाले अखिलेश सिंह, गढ़वा में साम्राज्य चलाने वाले विकास दुबे पलामू में गैंग संचालित करने वाले आलोक पांडेय के अलावा कई नक्सली बंदी दुमका सेंट्रल जेल में काराधीन हैं.

जेल के अंदर से ही बैठेबैठे ये अपराधी राज्य के किसी इलाके में भी कुछ करने की ताकत रखते हैं. इन अपराधियों का वर्चस्व सिर्फ झारखंड तक ही है बल्कि देश के विभिन्न प्रांतों में भी नेटवर्क फैला रखा है. यह तब प्रमाणित हुआ जब इन अपराधियों में से किसी के द्वारा बाहर धमकी दी गयी.

उक्त मोबाइल नंबर पुलिस को उपलब्ध कराया गया और लोकेशन निकाल दुमका के डीसीएसपी की संयुक्त टीम ने सेंट्रल जेल में छापेमारी की. अंदर से ही ये सभी टेंडर आदि मैनेज कराते हैं. जेल के अंदर से ही ये लोग संगठित अपराध संचालित करते हैं.

हर रोज सेंट्रल जेल के बाहर मंडराते हैं गुर्गे

सुबह होते ही सेंट्रल जेल के बाहर इन गैंगस्टर अपराधियों के गुर्गे मंडराने लगते हैं. अंदर से बॉस का इशारा होता है और बाहर में इनलोगों का करतब दिखता है. बॉस के इशारे पर गुर्गे कुछ भी करने को तैयार को रहते हैं.

फहीम, अखिलेश और विकास दूबे पर दर्ज है दर्जनों मामला

धनबाद के कुख्यात अपराधी, जिसपर गैंग्स ऑफ वासेपुर फिल्म भी बनी, उस गिरोह के सरगना फहीम खान पर तकरीबन डेढ़ दर्जन मामले लंबित हैं. वहीं जमशेदपुर के गैंगस्टर अखिलेश सिंह पर तकरीबन ढाई दर्जन, गढ़वा के कुख्यात अपराधी विकास दूबे पर लगभग 32 मामले दर्ज हैं. पलामू का आलोक पांडेय भी इसी जेल में बंद है, जिस पर सरकार ने क्राइम कंट्रोल एक्ट लगा रखा है.

क्षमता 843 की, रखे गये हैं 1444 बंदी

दुमका के सेंट्रल जेल में क्षमता से अधिक कैदी रखे गये हैं. निर्धारित क्षमता के विरुद्ध जितने कैदियों को रखा गया है, वह बेहद ही चौंकानेवाला है. वर्तमान में इस सेंट्रल जेल में 1444 कैदी हैं. इनमें 890 सजायाफ्ता पुरुष कैदी, 38 सजायाफ्ता महिला कैदी, 471 पुरुष विचाराधीन कैदी तथा 44 महिला विचाराधीन कैदी रह रहे हैं.

सीसीए एक्ट के तहत भी सजायाफ्ता एक बंदी इसी जेल में हैं. इतना ही नहीं सात बच्चे एवं सात बच्चियां भी इस जेल में रहने को मजबूर हैं, जिनकी मां विभिन्न मामलों में जेल में बंद है.

फिलवक्त दुमका सेंट्रल जेल की क्षमता 843 बंदियों को रखे जाने की है. इस व्यवस्था में वर्तमान में मौजूद विभिन्न वार्ड सेल में 775 पुरुष बंदी एवं 68 महिला बंदी ही रखे जा सकते हैं. कई कुख्यात अपराधियों तथा नक्सलियों को इस जेल में रखे जाने से सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी जेल प्रशासन की चिंता बढ़ती जा रही है. दिनप्रतिदिन दूसरे जेलों से कुख्यात कैदियों को इस जेल में स्थानांतरित किया जाता रहा है. लगातार यहां कैदियों की संख्या बढ़ ही रही है.

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