स्वास्थ्य विभाग बेखबर, नहीं हो रहा सही से इलाज
गोड्डा : सदर प्रखंड क्षेत्र के पांडुबथान पंचायत अंतर्गत कोड़ा टोला गांव में दर्जनों रोगी टीबी रोग से ग्रसित हैं. ग्रामीणों ने बताया कि रोगियों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग ध्यान नहीं दे रहा है.
ग्रामीणों ने बताया कि गांव के सभी ग्रामीणों की बलगम जांच की गयी तो इस टोला में दर्जनों ग्रामीणों को टीबी रोग की पहचान हो सकती है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा टोला की सुधि नहीं ली जा रही है.
ग्रामीणों ने बताया कि कोड़ा टोला के देवन कोड़ा, चौधरी कोड़ा, अमीन कोड़ा, सुकरमनी कोड़ा, बसंत कोड़ा आदिग्रामीणों को टीबी होने पर देवघर, दुमका, भागलपुर आदि स्थानों पर परिजनों द्वारा इलाज कराया गया. कोड़ा टोला के ग्रामीणों ने बताया कि इस टोला में पंद्रह से अधिक ग्रामीणों में मिरगी रोग के लक्षण हैं. मिरगी आने पर स्थानीय स्तर पर ही जड़ी बूटी से रोगियों का इलाज किया जाता है. डीटीओ डॉ अंबिका प्रसाद ने बताया कि यक्ष्मा बीमारी में दिये गये पूरी कोर्स की दवा का सेवन रोगियों द्वारा नहीं कि ये जाने से रोगियों की संख्या बढ़ती है. डॉट्स प्लस चिकित्सा यक्ष्मा रोगियों के लिए काफी फायदेमंद है. कई रोगियों का इस पद्धति से इलाज किया जा रहा है.
स्वास्थ्य विभाग की टीम जायेगी कोड़ा टोला गांव
मंगलवार को सिविल सजर्न कार्यालय में सीएस डॉ सीके शाही ने इस मामले को गंभीरता से लिया है. डॉ शाही ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम कोड़ा गांव के ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण करने जायेगी.
डीटीओ को निर्देश दिया जा रहा है. डीटीओ के साथ डॉट्स प्रोवाइडरकी टीम कोड़ा टोला के ग्रामीणों की बलगम जांच करेगी. जांचोपरांत यक्ष्मा रोगियों का इलाज किया जायेगा. इस दौरान जिला यूनिसेफ को-ऑर्डिनेटर धनंजय त्रिवेदी, डीपीएम प्रदीप कुमार सिन्हा, डीपीसी रणधीर प्रसाद आदि उपस्थित थे.
‘‘ यक्ष्मा रोगी का डॉट्स प्लस पद्धति से पूर्णत: इलाज किया जाता है. डीटीओ को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है.’’
-डॉ सीके शाही, सीएस गोड्डा.