ज्ञापन में क्षेत्र के तालाब की गंदगी, जर्जर सड़कें और अवरुद्ध नालियां का जिक्र किया. कहा कि इन समस्याओं से 200 से अधिक परिवार और रोजाना 4000-5000 राहगीर बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. इससे क्षेत्र में स्वास्थ्य संकट और आवागमन में भारी कठिनाई उत्पन्न हो गयी है. कहा कि काली बाबू हाता तालाब के कतिपय दावेदार द्वारा तालाब से कचरा निकालकर उसके बाहर ही ढेर कर दिया जाता है. इस कृत्य के कारण पूरे क्षेत्र में असहनीय दुर्गंध फैल रही है और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. और संक्रामक रोगों का खतरा लगातार मंडरा रहा है. वहीं तालाब किनारे सड़क में बड़े-बड़े गड्ढों, कीचड़ और जल जमाव के कारण काफी परेशानी हो रही है. वहीं नालियों की भी यही दुर्दशा है. स्थानीय लोगों ने जिला प्रशासन से तालाब की नियमित सफाई और कचरे का उचित निपटान, सड़क का पक्कीकरण और गार्डवॉल का निर्माण, नालियों की नियमित सफाई और जल निकासी की मांग की. आवेदन में दर्जनों लोगों के हस्ताक्षर हैं.
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