प्रखंड में बिजली व्यवस्था चरमरायी, सात फीडर में बंटे हैं 14 पंचायत
बिरनी प्रखंड में बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है. बिरनी पावर सब स्टेशन को 12 की जगह तीन मेगावाट बिजली की सप्लाई की जा रही है. प्रखंड मुख्यालय से महज डेढ़ किलोमीटर दूर स्थित पावर सब स्टेशन रहने पर भी स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है. पहले कहा जाता था कि भोरनडीहा से बिजली दी जा रही है, जो यहां से काफी दूरी पर है. इसके कारण पेट्रोलिंग नहीं हो पाती है. साथ ही ज्यादा समय ब्रेक डाउन रहता था. इसके बाद कहा जाने लगा कि जब सरिया में पावर ग्रिड बन जायेगा तो बिरनी को 24 घंटे बिजली मिलेगी. सरिया पावर ग्रिड भी बन गया और वहां से बिजली मिलनी भी शुरू हो गयी, लेकिन बिरनी के क्षेत्रफल को देखते हुए और व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पा रही है. इसे दुरुस्त करने के लिए तूलाडीह, भरकट्टा, पोखरिया व पडरमनियां में सब स्टेशन बनाये गये, तब बिरनी के लोगों को लगा कि अब बिजली की समस्या से उन्हें निजात मिलेगी, लेकिन लोगों का सपना एक बार फिर से टूटता नजर आ रहा है. बिरनी पावर सब स्टेशन को 12 मेगावाट बिजली की जरूरत है, लेकिन इसे सिर्फ तीन से पांच मेगावाट बिजली उपलब्ध हो पा रही है. बिरनी सब स्टेशन से साथ अलग-अलग फीडरों से 14 पंचायतों को बिजली दी जा रही है. कम बिजली मिलने के कारण 8-10 घंटा ही आपूर्ति हो रही है.क्या कहते है बिजली कर्मी
पावर हाउस में कार्यरत बिजली कर्मी संतोष कुमार व दीपक विश्वकर्मा ने कहा कि 12 मेगावाट बिजली के जगह तीन से पांच मेगावाट बिजली मिल रही है. इसके कारण सभी फीडर को बांट-बांट कर बिजली दी जा रही है.
ग्रामीणों ने कहा
दिन में जैसे-तैसे बिजली मिलती है, लेकिन रात में तो बिजली मिलती ही नहीं मिलती है. गर्मी में बिजली नहीं रहने से रात को सो भी नहीं पाते हैं. विभाग अविलंब इसमें सुधार की व्यवस्था करे. जनप्रतिनिधियों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए.
महेश वर्मा, टाटो
वर्ष 2016 से 2020 -21 तक बिरनी वासियों को 20 से 22 घंटा बिजली मिलती थी. वर्तमान में पूरे जिले में बिजली की व्यवस्था चरमरा गयी है. यदि सुधार नहीं होता है, तो 24 से 26 जून के बीच भाजपा आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी.देवनाथ राणा, सांसद प्रतिनिधि
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