जमुआ, परसन : जमुआ प्रखंड के डॉ जगदीश प्रसाद कुशवाहा कॉलेज परिसर में शनिवार को कोडरमा के पूर्व सांसद दिवंगत रीतलाल प्रसाद वर्मा की 76वीं जयंती समारोहपूर्वक मनायी गयी. मौके पर झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रीतलाल प्रसाद वर्मा हमेशा ही आम लोगों के लिए आवाज उठाते रहे थे. उन्होंने क्षेत्र की विकास की कल्पना की थी. उनकी कल्पना को सिर्फ झारखंड विकास मोरचा ही जमीन पर ला सकता है.
उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में झाविमो सभी 14 सीटों पर चुनावलड़ेगी. स्व. वर्मा के पुत्र प्रणव भी अपने पिता के सपना को पूरा करने के लिए प्रयासरत हैं. श्री मरांडी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस-झामुमो ने झारखंडी को राज्य सभा सदस्य नहीं बनाकर गुजरात व हरियाणा के नेताओं को बनाया है. इससे साफ होता है कि इन लोगों ने अपने वोट को बेच दिया है. उन्होंने कहा कि अभी झारखंड में लूट का शासन चल रहा है.
राज्य के कानून व्यवस्था को ताक पर रखा गया है. यहां ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल चल रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कमजोर साबित हुए हैं. मौके पर भाकपा राज्य कमेटी सदस्य भुवनेश्वर मेहता ने कहा कि राज्य को तीसरे मोरचे की जरूरत है. इसका नेतृत्व बाबूलाल मरांडी करेंगे. जरूरत पड.ने पर सीपीआई श्री मरांडी को समर्थन देने में पीछे नहीं हटेगी. गिरिडीह विधायक निर्भय शाहाबादी ने कहा कि स्व. वर्मा दलित अल्पसंख्यक व शोषितों के भीष्म पितामाह थे. सभी वर्गो को एक साथ लेकर चलते थे. जमुआ विधायक चंद्रिका महथा ने कहा कि आने वाले चुनाव में झाविमो का बोलबाला रहेगा. झाविमो केंद्रीय उपाध्यक्ष गौतम सागर राणा ने कहा कि कांग्रेस, भाजपा, झामुमो व आजसू राज्य में भ्रष्टाचार की जन्म दाता रही है. इन्हें चुनाव में मैदान से बाहर का रास्ता दिखाना जरूरी है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता झाविमो जिलाध्यक्ष प्रवीण चौधरी ने की, जबकि संचालन प्रखंड अध्यक्ष मंजूर अंसारी कर रहे थे. इस मौके पर जिप अध्यक्ष मुनिया देवी, कुशवाहा महासभा के अध्यक्ष हकीम चंद महतो, महासचिव, झाविमो केंद्रीय सचिव प्रणव वर्मा, टेको रविदास, सुनील अग्रवाल, जमुआ उप प्रमुख प्रवीण कुमार साहू, रामानंद सिंह, नीरज चौधरी, गुरु सहाय महतो, सुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा, विकास कुमार मंडल, शिवनंदन वर्मा, प्रो. जानकी यादव, देबू साव, देवनारायण यादव, चंपा वर्मा, महेंद्र तुरी, दयानंद प्रसाद राय, सदानंद साह, इंद्रजीत कुमार वर्मा, उमाचरण पहाड.ी, मो. खलील, जाकीर हुसैन, रवींद्र यादव, लक्ष्मण महतो, प्रशांत जायसवाल, रामकिशुन हाजरा, भीम साव, लल्लू मियां, अजय रंजन, पंकज सिंह आदि ने भी अपने विचारों को रखा.