– 6 मई को हुआ था शपथ ग्रहण
– पुरानी योजनाएं पूरा करने में ही उलझा रहा
– कई बार हुई बोर्ड की बैठक, नयी योजनाओं पर हुआ फैसला
– आठ माह में धरातल पर नहीं उतरी एक भी नयी योजनाएं
– सुमरजीत सिंह –
गिरिडीह : गिरिडीह नगर पर्षद का गठन 6 मई 2013 को हुआ, जिसमें 80 प्रतिशत वार्ड पार्षद पुराने ही चुने गये. नये नप के गठन हुए आठ माह बीतने को हैं. नयी तो नयी कई पुरानी योजनाएं भी आज भी धरातल पर नहीं उतारी जा सकी हैं.
इस आठ माह के दौरान नप बोर्ड की कई बैठक भी हुई, जिसमें कई नयी योजनाओं को पारित भी किया गया, लेकिन इन योजनाओं को आज तक अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका.
बताते चलें कि नगर पर्षद द्वारा शहर के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपये की लागत से रोड डिवाइडर निर्माण, शहर के सड़कों का जीर्णोद्धार, रैन बसेरा निर्माण, बस पड़ाव का सौंदर्यीकरण, प्रकाश पथ-वे सहित माल व डेली मार्केट निर्माण आदि परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की कवायद शुरू की गयी थी. इसमें ठोस कचरा प्रबंधन बस पड़ाव का सौंदर्यीकरण, रोड डिवाइडर तथा रैन बसेरा आदि के लिए नप को सरकार से आवंटन भी मिला हुआ है, लेकिन इन योजनाओं का आज तक श्रीगणोश भी नहीं किया जा सका है.
आज भी शहर के स्टेशन रोड, मकतपुर रोड, बीबीसी रोड, बक्सीडीह सहित कई सड़कें अधूरी पड़ी हैं. नगर पर्षद द्वारा इस वर्ष साफ-सफाई के लिए लाखों रुपये खर्च कर एक जेसीबी मशीन, एक बॉबकट, सेक्शन मशीन की खरीदारी की गयी तथा पुराने खराब पड़े ट्रैक्टरों की मरम्मत करायी गयी, वहीं शहर के गरीब परिवार को स्वावलंबी बनाने के लिए स्वर्ण जयंती रोजगार योजना के अंतर्गत 1064 लोगों को लगभग एक करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण बाहरी कंपनियों द्वारा दिया जा रहा है. जानकारों कि माने तो नप का आठ माह का कार्यकाल ज्यादातर बैठकों में ही बीत गया.