– सुमजीत सिंह –
गिरिडीह : तमाम प्रयासों के बावजूद सदर अस्पताल की कुव्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. सदर अस्पताल में चार जेनरेटर रहने के बावजूद इसकी सुविधा उपलब्ध नहीं करायी जा रही है.
शौचालय का हाल भी बुरा है. साफ–सफाई पर भी अस्पताल प्रबंधन का कोई ध्यान नहीं है. पिछले दिनों अस्पताल की कुव्यवस्था को लेकर कांग्रेसी नेताओं ने सदर अस्पताल का दौरा कर अस्पताल की कुव्यवस्था से सिविल सजर्न को अवगत कराया था. इस बाबत सिविल सजर्न ने नेताओं को अस्पताल की साफ सफाई एवं कुव्यवस्था को दूर करने का आश्वासन दिया था.
शौचालय की स्थिति बद से बदतर : सदर अस्पताल में शौचालय की स्थिति बदतर हो गयी है. नीचे के वार्ड में दो शौचालय है, जिसमें हमेशा ताला लटका रहता है. ऊपर के वार्ड में चार शौचालय है, जिसमें से दो शौचालय में हमेशा ताला लगा रहता है.
बाकी के दो में से एक का दरवाजा टूटा पड़ा है. शौचालय में इतनी गंदगी है कि उसके दरुगध से आम लोगों के साथ–साथ मरीजों का भी पास से गुजरना मुश्किल है. ऊपर के वार्ड में प्रसूति महिलाओं की संख्या ज्यादा रहती है. यहां शौचालय का दरवाजा टूटा रहने के कारण उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है.
बिजली गुल होने पर जेनेरेटर सेवा भी नहीं : सदर अस्पताल परिसर में चार जेनेरेटर रहने के बावजूद विद्युत आपूर्ति बाधित रहने पर रात में जेनेरेटर नहीं चलाया जाता है. इनवर्टर से वार्डो में सप्लाई दी जाती है. हर वार्ड में दस मरीज का बेड लगा है. इनवर्टर कनेक्शन से सिर्फ एक सीएफएल बल्ब जलता है, जिससे पर्याप्त रोशनी नहीं मिल पाती है. अस्पताल के वार्डो में लगाये गये पंखे की स्थिति भी बेहद नाजुक है. यहां कई पंखे खराब पड़े है. मरीजों को हाथ के पंखे से काम चलाना पड़ रहा है.