फैक्ट्री की फाइलों को खंगाल रहे हैं अधिकारी
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सीबीआइ की टीम पहुंची आदि इस्पात
फैक्ट्री की फाइलों को खंगाल रहे हैं अधिकारी गिरिडीह : दिवालिया घोषित करने से राहत दिलाने के लिए कंसल्टेंसी फर्म द्वारा रिश्वत लेने के मामले में सीबीआइ की धनबाद टीम मंगलवार को गिरिडीह के आदि इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पहुंची. आरोप है कि श्रेया इंसोलवेंसी प्रोफेशनल प्राइवेट लिमिटेड (कंसल्टेंसी फर्म) ने इंसोलवेंसी के लिए […]
गिरिडीह : दिवालिया घोषित करने से राहत दिलाने के लिए कंसल्टेंसी फर्म द्वारा रिश्वत लेने के मामले में सीबीआइ की धनबाद टीम मंगलवार को गिरिडीह के आदि इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय पहुंची.
आरोप है कि श्रेया इंसोलवेंसी प्रोफेशनल प्राइवेट लिमिटेड (कंसल्टेंसी फर्म) ने इंसोलवेंसी के लिए 20 लाख रुपये घूस मांगे थे, जिसमें से पांच लाख रुपये फर्म ने आदि इस्पात के निदेशक अमित सरावगी से वसूल लिये थे. मामले को लेकर आदि इस्पात और श्री बीर इस्पात प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित सरावगी ने सीबीआइ की धनबाद शाखा में मामला दर्ज कराया था.
लोन जमा नहीं करने पर एकाउंट हो गया था एनपीए : आदि इस्पात प्राइवेट लिमिटेड ने बैंक से लोन लिया था और लोन जमा नहीं होने के बाद एकाउंट एनपीए हो गया. इस मामले में कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया चल रही थी. इसी मामले में आदि इस्पात को राहत दिलाने के लिए कंसल्टेसी फर्म ने घूस मांगा था. मामला दर्ज होने के बाद सीबीआइ ने मामले की जांच के लिए सीबीआइ के इंस्पेक्टर अभय कुमार को जिम्मेदारी दी. अभय कुमार ने मामले की जांच-पड़ताल के बाद एक सत्यापन रिपोर्ट 10 फरवरी को विभाग को सौंपी.
इस मामले में पूछताछ के क्रम में श्रेया इंसोलवेंसी प्रोफेशनल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक सह चार्टड एकाउंटेंट संजय कुमार अग्रवाल ले स्वीकार किया कि उन्होंने पांच लाख रुपये लिये हैं और एकमुश्त 20 लाख रुपये की मांग की है.
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