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शक्ति प्रदर्शन को ले पचंबा में होता रहा है तनाव

पचंबा. भू-माफियाओं के दो गुट रचते हैं साजिश, बेवजह पीसे जाते हैं दोनों कौम के लोग एहतियात के तौर पर संवेदनशील इलाकों में पुलिस जवानों की तैनाती राकेश सिन्हा गिरिडीह : जिला मुख्यालय से मात्र चार किमी की दूरी पर स्थित पचंबा गिरिडीह की उप नगरी के रूप में जानी जाती है. पूर्व में यह […]

पचंबा. भू-माफियाओं के दो गुट रचते हैं साजिश, बेवजह पीसे जाते हैं दोनों कौम के लोग
एहतियात के तौर पर संवेदनशील इलाकों में पुलिस जवानों की तैनाती
राकेश सिन्हा
गिरिडीह : जिला मुख्यालय से मात्र चार किमी की दूरी पर स्थित पचंबा गिरिडीह की उप नगरी के रूप में जानी जाती है. पूर्व में यह इलाका माइका व्यवसाय के कारण गुलजार रहा करता था. कई तरह के धंधे इस इलाके में संचालित थे, लेकिन गिरिडीह में समाहरणालय, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि के खुल जाने से पचंबा की रौनक घट गयी.
हालांकि पिछले कुछ वर्षों से सांप्रदायिक तनाव के कारण यह इलाका न सिर्फ सुर्खियों में आ गया है, बल्कि काफी संवेदनशील भी माना जाने लगा है. बताया जाता है कि इस इलाके में पिछले कुछ वर्षों से जमीन के कई धंधेबाज सक्रिय हो गये हैं और इस कारण भू-माफियागिरी में अचानक बढ़ोतरी हो गयी है. खासकर दोनों समुदाय में बंटे गुट जमीन के कारोबार में वर्चस्व स्थापित करने के साथ-साथ राजनीतिक महत्वकांक्षा भी पाले हुए है और शक्ति प्रदर्शन को ले खून-खराबे पर भी उतारू हो गया है.
असामाजिक तत्वों को इनसे मिल रही है ऊर्जा : पचंबा के इलाके में इन दोनों ही गुटों की वजह से कई असामाजिक तत्वों की सक्रियता अब बढ़ गयी है और ये दोनों ही गुट अपने-अपने फायदे के लिए ऐसे तत्वों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन्हें हथियार से लेकर आर्थिक सहायता दी जा रही है. इतना ही नहीं, ये गुट पचंबा के कुछ युवकों को अपने जाल में भी फंसा लिया है
जिसका इस्तेमाल सांप्रदायिक माहौल को बिगाड़ने में किया जाता है. इन युवकों को एक-दूसरे के संप्रदाय के खिलाफ भड़काने का भी काम किया जा रहा है. वर्ष 2016 में सरस्वती पूजा के अवसर पर प्रतिमा विजर्सन का मामला हो या 26 अगस्त 2017 को गणेश भगवान की प्रतिमा के विसर्जन का मामला हो. दोनों ही मामले में भू-माफियाओं की संलिप्तता खुलकर सामने आ गयी है. गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान भी मुट्ठीभर असामाजिक तत्वों ने पूरे माहौल को बिगाड़कर रख दिया.
प्रशासन की सक्रियता से टली बड़ी घटना : पचंबा में प्रतिमा विसर्जन के दौरान जिस तरह से पथराव और फायरिंग की घटना हुई, यदि प्रशासन द्वारा त्वरित कार्रवाई नहीं की जाती तो बड़ी घटना घट सकती थी.
शाम में गढ़ मुहल्ला और हटिया बाजार से गणेश की दो-दो प्रतिमाएं विसर्जन के लिए निकली थी. विसर्जन जुलूस में काफी संख्या में लोग थे. पुलिस का पीसीआर वैन भी साथ-साथ में चल रहा था. मुफस्सिल थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी के नेतृत्व में पुलिस के जवान भी तैनात थे. बताया जाता है कि संध्या लगभग 7.45 बजे हटिया बाजार पचंबा में स्थापित भगवान गणेश की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए जुलूस निकाला गया. जुलूस रज्जाक चौक, गद्दी मुहल्ला चौक होते हुए जैसे ही पचंबा-जमुआ मुख्य पथ पर तीन मुहानी पर स्थित संजय ज्वेलर्स के सामने पहुंचा. इसी दौरान गद्दी मुहल्ला का जुलूस गढ़ मुहल्ला की तरफ से हटिया बाजार की तरफ से आते दिखा. सड़क संकीर्ण व भीड़भाड़ होने के कारण हटिया बाजार का जुलूस कुछ देर के लिए तीन मुहाने पर रूक गया. इसी बीच एकाएक काफी संख्या में लोग गद्दी मुहल्ला चौक पर जमा हो गये और गद्दी मुहल्ला चौक की तरफ से पथराव शुरू हो गया. इससे भगदड़ मच गयी
इस दौरान कई राउंड फायरिंग भी की गयी. जिसमें दो युवकों को गोली लग गयी. जबकि पथराव में कई लोग जख्मी भी हो गये. सूचना पर गिरिडीह के डीसी उमाशंकर सिंह व एसपी अखिलेश बी वारियर तुरंत घटनास्थल पर अधिकारियों व जवानों के साथ पहुंचे. डीसी श्री सिंह, एसपी श्री वारियर, डीडीसी किरण पासी, प्रशिक्षु आइएएस मेघा भारद्वाज, एसडीओ नमिता कुमारी, एसडीपीओ मनीष टोप्पो, डीएसपी
जीतबाहन उरांव ने मोर्चा संभाल लिया और उपद्रवियों को खदेड़ना शुरू कर दिया. कुछ ही देर में प्रशासन ने पूरे स्थिति को अपने नियंत्रण में ले लिया. यदि समय पर प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस के जवान नहीं पहुंचते तो बहुत बड़ी घटना घट सकती थी. रात में ही लगभग 11 बजे के बाद से गद्दी मुहल्ला और रज्जाक चौक के पास घरों में तलाशी शुरू कर दी गयी. इस दौरान पुलिस ने न सिर्फ कई युवकों को अपने हिरासत में लिया, बल्कि भारी मात्रा में हथियार व एक देशी बम बरामद करने में भी सफलता हासिल की. रात में ही पुलिस यदि यह कार्रवाई नहीं करती तो कई उपद्रवी भागने में सफल हो जाते.
पूर्व से ही थी हमले की तैयारी : जिस तरह से पुलिस छापेमारी के दौरान हथियार व बम बरामद किये गये और खुलेआम फायरिंग की घटना को अंजाम दिया गया, उससे यह तो स्पष्ट हो ही गया है कि हमले की तैयारी पहले से ही की गयी थी. लेकिन यह भी खुलकर सामने आ गया है कि पुलिस का सूचना तंत्र काफी कमजोर है. पचंबा में अचानक आपराधिक घटनाओं में हुई वृद्धि के बाद पुलिस प्रशासन ने एक पुलिस सहायता केंद्र चौक पर ही खोला है. इस केंद्र के पास पीसीआर वैन के साथ एक अधिकारी के नेतृत्व में जवानों की भी तैनाती की गयी है. लेकिन यह तैयारी धरी की धरी रह गयी.
घटनास्थल से क्या-क्या हुआ बरामद : घटनास्थल से पुलिस ने मो. साजीद के पार्ट‍्स दुकान के सामने से सुतली देशी बम बरामद किया है. साथ ही गद्दी मुहल्ला चौक स्थित घटनास्थल पर 7.65 एमएम का पांच फायर किया हुआ खोखा
एवं एक जिंदा गोली बरामद किया गया हैं. इसके अलावा इबरार गद्दी के बाउंड्री किए हुए आंगन से तलवार 13 पीस एवं कुल्हाड़ी एक पीस बरामद किया गया. वहीं बीआर 23बी/8800, जेएच 11 आर /3978, जेएच 12 जी/8122 एवं जेएच 11बी/3449 नंबर की बाइक समेत पांच बाइक को भी जब्त किया गया. जबकि हटिया बाजार पचंबा स्थित विक्रम साव के घर के गेट के बाहर से पन्नी से ढका एक तलवार भी बरामद किया गया.
प्रतिमा विसर्जन के दौरान दो पक्षों में हुए विवाद के बाद डीसी-एसपी समेत अन्य अधिकारी रातभर डटे रहे. एक ओर जहां एसडीओ नमिता कुमारी के नेतृत्व में कई मुहल्लों में छापेमारी होती रही, वहीं दूसरी ओर पूरे घटनाक्रम पर डीसी व एसपी स्वयं नजर रखे हुए थे. शहर को शांत रखने के लिए अधिकारी आपस में आगे की रणनीति बना-बनाकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य करते दिखे. अधिकारियों के निर्देश पर हर आने-जाने वाले वाहनों की जांच-पड़ताल भी रात भर होती रही. आश्वस्त होने के बाद प्रात: लगभग साढ़े चार बजे डीसी उमाशंकर सिंह घर लौट गये और फिर तुरंत प्रात: आठ बजे घटनास्थल पर पहुंच गये. डीसी उमाशंकर सिंह स्वयं प्रात: 9 बजे तक डटे रहे. एहतियात के तौर पर संवेदनशील इलाकों में पुलिस जवानों की तैनाती कर दी गयी है.

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