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रिश्वत लेते पंचायत सेवक व पर्यवेक्षिका गिरफ्तार
धनबाद एसीबी टीम की कार्रवाई तिसरी :धनबाद एसीबी की दो टीम ने गुरुवार को दो अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर एक आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका और एक पंचायत सेवक को घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया. दोनों को टीम अपने साथ लेकर धनबाद चली गयी. गिरफ्तार पर्यवेक्षिका का नाम रजनी पाठक और पंचायत सेवक का नाम बैजनाथ प्रसाद […]
धनबाद एसीबी टीम की कार्रवाई
तिसरी :धनबाद एसीबी की दो टीम ने गुरुवार को दो अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर एक आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका और एक पंचायत सेवक को घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया. दोनों को टीम अपने साथ लेकर धनबाद चली गयी. गिरफ्तार पर्यवेक्षिका का नाम रजनी पाठक और पंचायत सेवक का नाम बैजनाथ प्रसाद वर्मा है.
पर्यवेक्षिका रजनी पाठक की गिरफ्तारी आंगनबाड़ी केंद्र दूधपनिया की सेविका स्नेहलता मुर्मू की शिकायत पर की गयी. उसे एसीबी धनबाद के डीएसपी आनंद मिंज की टीम ने गुरुवार की दोपहर को तिसरी बाल विकास परियोजना के कार्यालय से गिरफ्तार किया. आंगनबाड़ी केंद्र दूधपनिया की सेविका स्नेहलता ने एसीबी से शिकायत की थी कि पोषाहार समेत अन्य वाउचर को पूरा करने के लिए पर्यवेक्षिका रजनी पाठक 3500 रुपये मांग रही है.
इसके बाद एसीबी के अधिकारियों ने सेविका से संपर्क कर गुरुवार को उसे 3500 रुपये थमाये और सेविका दोपहर एक बजे पैसा देने पर्यवेक्षिका के पास पहुंची. जैसे ही उसने रुपये पर्यवेक्षिका को दिये, एसीबी की टीम महिला कर्मियों के साथ पहुंची और उसे गिरफ्तार कर लिया. एसीबी की दूसरी टीम ने गुमगी के पंचायत सेवक बैजनाथ प्रसाद वर्मा को गिरफ्तार किया. पुराने कूप की योजना को फाइनल करने के लिए रिश्वत मांगने की शिकायत कूप के लाभुक सुनील शर्मा ने की थी.
सुनील की शिकायत पर एसीबी डीएसपी विनोद रवानी व कन्हैया सिंह की टीम ने रवानी गुरुवार की सुबह ही सुनील से संपर्क कर उसे 2000 रुपये दिये और साथ लेकर खिरोद गांव पहुंचे. इसी गांव में योजना का स्थल निरीक्षण करने पहुंचे पंचायत सेवक को जैसे ही सुनील ने रिश्वत की राशि दी तो एसीबी की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
प्रखंड कर्मियों को भनक भी नहीं लगी
बताया जाता है कि रिश्वतखोरों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसीबी की दो टीम गुरुवार की सुबह ही तिसरी पहुंच चुकी थी. टीम के कर्मी दो से तीन घंटे तक प्रखंड मुख्यालय के आसपास ही जमे रहे.
प्रखंड मुख्यालय के अंदर जाकर बाल विकास परियोजना के कार्यालय को भी देखा और पूरी प्लानिंग की. प्लानिंग के अनुसार कार्रवाई भी की, लेकिन उक्त कार्यालय के ठीक बगल में संचालित प्रखंड के कार्यालय में कार्यरत कर्मियों को इसकी भनक तक भी नहीं लगी. जब पर्यवेक्षिका की गिरफ्तारी हो गयी और उसे वाहन में बैठा दिया गया तब जाकर बीडीओ व अन्य कर्मियों को मामले की जानकारी हुई.
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