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गढ़वा: पुल निर्माण में घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग, शिकायत के बावजूद भी नहीं हुआ कोई एक्शन

प्रखंड के करीवाडीह गांव के पास पंडा नदी पर 4.95 करोड़ की लागत से बन रहे पुल में घटिया निर्माण सामग्रियों का प्रयोग किया जा रहा है

गढ़वा: प्रखंड के करीवाडीह गांव के पास पंडा नदी पर 4.95 करोड़ की लागत से बन रहे पुल में घटिया निर्माण सामग्रियों का प्रयोग किया जा रहा है. विशेष प्रमंडल से बन रहे इस पुल के निर्माण कार्य में प्राक्कलन के विपरित घटिया सीमेंट, कम गुणवत्ता की गिट्टी और मिट्टी युक्त बालू का प्रयोग हो रहा है. इससे यहां के स्थानीय लोगों में नाराजगी है. लोगों की शिकायत है कि निर्माण कार्य में उच्च गुणवत्ता की सीमेंट की जगह लोकल सीमेंट का प्रयोग किया जा रहा है. इसी प्रकार निर्माण कार्य में प्रयोग हो रहे बालू की क्वालिटी भी घटिया है.

स्थानीय लोगों ने कहा कि अभी तक जिन छह पिलर का निर्माण हुआ है, उनमें घटिया किस्म की ही मिट्टी युक्त बालू और लोकल सीमेंट का प्रयोग किया गया है. निर्माण कार्य में गुणवत्ता युक्त ब्लैक स्टोन चिप्स की जगह पर घटिया किस्म का सफेद स्टोन चिप्स लगाया जा रहा है. इसमें 60 से 70 प्रतिशत लाइम स्टोन है.

यह 20 मिमी की छरी की जगह पर चपटे आकार का सफेद लाइम स्टोन है. निर्माण कार्य में हो रहे घटिया सामग्रियों के प्रयोग पर आक्रोश प्रकट करते हुए समाजसेवी विनोद कुमार सिंह व रिंकू सिंह ने कहा कि पुल निर्माण कार्य में भारी अनियमितता बरती जा रही है.

उसमें ठेकेदार के साथ-साथ विभागीय अभियंताओं की भी संलिप्तता है. लोगों का कहना है कि पिलर की ढलाई के दौरान विभागीय अभियंता का कार्य स्थल पर मौजूद रहना आवश्यक है. लेकिन किसी भी पीलर की ढलाई के दौरान विभागीय अभियंता वहां उपस्थित नहीं रहे हैं. ढलाई के दौरान सिर्फ एक दिन वह आधे घंटे के लिए वहां आये थे.

ऐसे में ढलाई के दौरान कंक्रीट मैटेरियल निर्माण में सीमेंट, छरी, बालू की मात्रा की निर्धारित अनुपात 1:1.5:3 के विपरीत 1:2.5:5 में कंक्रीट मिक्स मैटेरियल का प्रयोग कर प्राक्कलन का घोर उल्लंघन किया जा रहा है. लोगों ने कहा कि पुल के पिलर में लगने वाले रॉड के बने वर्टिकल बेस में निर्धारित से कम रिंग लगाया जा रहा है. प्राक्कलन के अनुसार रिंगों को 100 एमएम की दूरी पर बांधा जाना है. लेकिन यहां पर 200 एमएम की दूरी पर रिंग बांधा जा रहा है.

इस प्रकार प्रत्येक वर्टिकल बेस में लगने वाले रिंग कम लगाकर अनियमितता की जा रही है. इसी प्रकार सीजल से पिलर निर्माण के लिए हार्डनेस आने तक की गहराई तक बोरिंग की जाती है और इसके बाद 48 घंटे तक उक्त हार्डनेस आने के बाद भी और गहराई तक सिजल से बोरिंग करने का प्रयास होता है. लेकिन यहां पर 12 मीटर तक बोरिंग करके कहा जा रहा है कि हार्डनेस आ गया. जबकि पिलर के लिए 18 मीटर तक सिजल से बोरिंग किया जाना है.

शिकायत के बाद भी कार्य में सुधार नहीं

लोगों ने कहा कि पिछले दिनों उन लोगों ने निर्माण कार्य को लेकर ठेकेदार से शिकायत की थी. इसके बाद ठेकेदार ने बेहतर निर्माण का वादा किया था. लेकिन फिर से घटिया निर्माण सामग्री का प्रयोग किया जाने लगा है. अब लोगों ने उपायुक्त से शिकायतों के आलोक में जांच कर गुणवत्तापूर्ण पुल निर्माण कराने की मांग की है.

मामले की जांच की जायेगी : कनीय अभियंता

इस संबंध में कनीय अभियंता मनोज केसरी ने कहा कि निर्माण सामग्री निर्धारित मात्रा और गुणवत्ता की होनी चाहिए. शिकायतें संज्ञान में आयी है, तो अब मामले की जांच की जायेगी. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण पुल का ही निर्माण कराया जायेगा.

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