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समस्याओं के प्रति संवेदनशील हो

कैसा हो सांसद विषय पर व्यवसायियों ने कहा गढ़वा : पलामू लोकसभा क्षेत्र के लोग यहां के जनप्रतिनिधियों से अभी तक छले गये हैं. जनप्रतिनिधि चुनाव में वायदे जरूर करते हैं, किंतु जीतने के बाद वे वायदों को भूल जाते हैं. पांच वर्ष तक जनता से कटे रहते हैं और अचानक चुनाव में फिर वोट […]

कैसा हो सांसद विषय पर व्यवसायियों ने कहा

गढ़वा : पलामू लोकसभा क्षेत्र के लोग यहां के जनप्रतिनिधियों से अभी तक छले गये हैं. जनप्रतिनिधि चुनाव में वायदे जरूर करते हैं, किंतु जीतने के बाद वे वायदों को भूल जाते हैं. पांच वर्ष तक जनता से कटे रहते हैं और अचानक चुनाव में फिर वोट मांगने आते हैं. जनप्रतिनिधियों की प्रतिबद्धता के अभाव में पलामू लोकसभा क्षेत्र से जुड़ी समस्याएं ज्यों की त्यों मुंह बायें खड़ी हैं.

यही बात गुरुवार को प्रभात खबर के चुनावी चौपाल में उभर कर सामने आयी है. चौपाल में गढ़वा शहर में विभिन्न व्यवसाय से जुड़े लोगों की प्रतिक्रिया जानने का प्रयास किया गया. गढ़वा मेनरोड के इलेक्ट्रॉनिक व्यवसायी राजू केसरी ने कहा कि जो प्रत्याशी विकास का काम करनेवाला हो. बिजली, पानी, सड़क से जुड़ी समस्याओं को दूर करे तथा जनता से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करे, वैसे ही प्रत्याशी को ही जनता को अपना वोट और समर्थन देना चाहिए.

व्यवसायी विनोद गुप्ता ने कहा कि प्रत्याशी शिक्षित हो, जनता की बात सुननेवाला हो और बिजली, सड़क, पानी आदि की समस्याओं से निजात दिलवाये, वैसे ही प्रत्याशी को पसंद करना चाहिए. अशोक कुमार चंद्रवंशी ने कहा कि उन्हें साफ-सुथरा छवि का प्रत्याशी चाहिए, चाहे किसी भी दल का हो. प्रत्याशी यहां की समस्याओं को लोकसभा में आवाज उठा सके.

कंप्यूटर से जुड़े युवा व्यवसायी आनंद कुमार कश्यप ने कहा कि जनप्रतिनिधि हमेशा मुद्दों पर संवेदनशील नहीं होते हैं. हमेशा जनता को ही समस्याओं को उठाना पड़ता है. जनप्रतिनिधि तब जनता के साथ आते हैं, जब वे विवश हो जाते हैं. जबकि जनप्रतिनिधि को जनता के साथ-साथ चलना चाहिए. वे ऐसा प्रत्याशी चाहते हैं, समस्याओं के समाधान के प्रति जनता से आगे रहे. व्यवसायी विनोद गुप्ता ने कहा कि प्रत्याशी को शिक्षित होना चाहिए तथा उसे स्थानीय समस्याओं की जानकारी होनी चाहिए. सड़क, बिजली, पानी यहां की बुनियादी समस्याएं हैं. विक्रांत कश्यप का कहना था कि वे राष्ट्रीय हित को प्राथमिकता देनेवाले प्रत्याशी का चयन करेंगे. केंद्र में स्थायी सरकार बनाने की स्थिति में जो दल होगा, वे उसी को वोट करेंगे. छात्र राहुल केसरी ने कहा कि प्रत्याशियों को छात्र हित की बात सोचनी होगी.

शिक्षा की स्थिति लचर हो गयी है. शिक्षकों का अभाव, समय पर परीक्षा नहीं होना जैसी कमी को दूर करनी की बात करनेवाले प्रत्याशी अथवा दल को वे प्राथमिकता देंगे. मनु कमलापुरी ने कहा कि अभी तक के जनप्रतिनिधियों ने यहां के विकास के लिये नहीं सोचा. सिर्फ वोट लेते रहे. गढ़वा शहर में बाइपास रोड, पानी की समस्या, एक अच्छे अस्पताल का निर्माण, शिक्षा में सुधार इस बार का प्रमुख मुद्दा रहेगा. विजय कुमार विश्वकर्मा ने कहा कि प्रत्याशी सिर्फ जनता के सामने भाषण देते हैं, फिर उस पर अमल नहीं करते हैं.

जो बात पर अमल करे, वही प्रत्याशी को वोट करना चाहिये. मनीष कुमार ने कहा कि जो प्रत्याशी अपना हित से अधिक देशहित की बात सोचे. आम अवाम की समस्याओं के लिए काम करें, वैसी प्रत्याशी को वोट करना चाहिए. श्रीराम हार्डवेयर के प्रोपराइटर वीरेंद्र कश्यप ने कहा कि इस समय भ्रष्टाचार, महंगाई, विकास आदि कई मुद्दे हैं. लेकिन इसके साथ केंद्र में स्थायी सरकार बनानेवाले दल को प्राथमिकता देनी चाहिए.

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