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पानी के लिए कर रहे हैं रतजगा
गढ़वा जिला मुख्यालय के कई वार्डों में पेयजल का गंभीर संकट, लोग परेशान गढ़वा : भीषण गरमी और पेयजल की गंभीर संकट ने लोगों के दिन का चैन व रात की नींद छीन ली है. शहर हो या गांव सबकी समस्या एक समान है. शहरी क्षेत्र के लोग पानी के लिए रतजगा करने को विवश […]
गढ़वा जिला मुख्यालय के कई वार्डों में पेयजल का गंभीर संकट, लोग परेशान
गढ़वा : भीषण गरमी और पेयजल की गंभीर संकट ने लोगों के दिन का चैन व रात की नींद छीन ली है. शहर हो या गांव सबकी समस्या एक समान है. शहरी क्षेत्र के लोग पानी के लिए रतजगा करने को विवश हैं,वजह आधी से अधिक चापानल का सूखना और पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था का नहीं करना है.
पानी का जलस्तर नीचे चले जाने और सैकड़ों चापानल के सूख जाने से लोगों की मुसीबतें और बढ़ गयी हैं. शहर के वार्ड नंबर 10, 11 एवं 12 के लोग पानी के लिए रतजगा कर रहे हैं. इस वार्ड के लोग रात को और सुबह के तीन बजे भोर से पानी ढोते देखे जा सकते हैं. वार्ड 10 निवासी उत्तम जायसवाल वार्ड 12 निवासी संजय कुमार ने बताया कि अपने जीवन में पानी की ऐसी समस्या पहले कभी नहीं देखी. 24 घंटे में 12 घंटा पानी के जुगाड़ करने में बीत जा रहा है. इससे उनका दिनचर्या एवं व्यवसाय पूरी तरह प्रभावित हो रहा है. हालात यहीं रहा तो उन्हें शहर से पलायन करना पड़ेगा.
चुआंड़ी बन रहा है सहारा
शहर के दानरो व सरस्वतिया नदी में चुंआड़ी लोगों का सहारा बना हुआ है. नदी में दर्जनों स्थान पर लोग चुआंड़ी बनाकर दैनिक कार्यों के लिये पानी का इस्तेमाल कर रहे हैं. छठघाट के सामने टंडवा के दर्जनों घरों के लोगों का सहारा उकत चुंआड़ी बना हुआ है. सुबह यहां लोगों की भीड़ देखी जा सकती है. दानरो नदी में कल्याणपुर पुलिस लाईन से सोनपुरवा चेकडैम तक दर्जनों जगह पर चुंआड़ी खोदकर लोग काम चला रहे हैं. इसी तरह सरस्वतिया नदी में भी दर्जनों स्थान पर नदी किनारे रहनेवाले लोगों ने चुआड़ी खोदी है,जिससे उनका दैनिक कार्य पूरा हो रहा है.
एक चापाकल 500 घरों का सहारा
पेयजल की गंभीर समस्या के बीच शहर के वार्ड नंबर 11 एवं 12 के सिवाने पर स्टूडेंट क्लब छठ घाट के समीप लगा चापाकल 500 घरों के लिए वरदान साबित हो रहा है. यहां आसपास के घर के अलावा मेनरोड एवं बाजार इलाके में संचालित दर्जनों होटल व ठेला को भी पानी उपलब्ध करा रहा है. रिक्शा, साइकिल,टेंपो व ठेला से यहां से प्रतिदिन रात दो बजे से ही पानी भरना शुरू कर देते हैं. पानी ठोनेवाले कई लोगों का रोजी रोटी भी इस चापाकल पर टिका हुआ है, क्योंकि होटल,ठेला व खोमचेवाले जो पानी खरीदते हैं वह यहीं से जाता है.
पीएचइडी द्वारा आपूर्ति भी महीनों से ठप
शहर के सहिजना से शहरी क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति पिछले एक माह से ठप है. यद्यपि विभाग का कहना है कि जलस्तर नीचे चले जाने के कारण पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल पा रहा है इसलिये प्रतिदिन शाम को पानी की आपूर्ति की जा रही है. लेकिन शहर के दर्जनों लोगों ने विभाग के उक्त दावे को खारिज कर दिया है और विभाग पर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं किये जाने को लेकर रोष प्रकट किया है.
पीएचइडी का डीप बोर महीनों से खराब
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग द्वारा दो वर्ष पूर्व शहर के सहिजना स्थित वार्ड नंबर नौ में चीरखाना के सामने दानरो नदी के तट पर डीप बोर कराया गया था, इससे दो वर्षों तक पानी की सुचारू रूप से आपूर्ति की गयी. लेकिन पिछले छह माह से उसमें लगा मोटर खराब है,जिसे समय रहते बनवाया नहीं जा सका और यहां से आपूर्ति पूरी तरह ठप है.
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