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सोलर सिस्टम पर टिकी है पेयजलापूर्ति व्यवस्था
गढ़वा : जिले में जल गुणवत्ता से प्रभावित कई गांव है. इनमें से 22 गांवों में जलापूर्ति योजना के माध्यम से ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने की पहल की गयी थी. लेकिन बिजली समस्या बनी रहने के कारण योजनाएं बंद हो गयी हैं. लेकिन जिन गांवों में सोलर सिस्टम लगाये गये हैं, वे पानी […]
गढ़वा : जिले में जल गुणवत्ता से प्रभावित कई गांव है. इनमें से 22 गांवों में जलापूर्ति योजना के माध्यम से ग्रामीणों को शुद्ध पानी उपलब्ध कराने की पहल की गयी थी. लेकिन बिजली समस्या बनी रहने के कारण योजनाएं बंद हो गयी हैं. लेकिन जिन गांवों में सोलर सिस्टम लगाये गये हैं, वे पानी को नियमित शुद्ध पानी उपलब्ध करा रहे हैं
गढ़वा : गढ़वा जिले के तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है. इसके साथ ही गढ़वा जिले में पेयजल का भी भीषण संकट उत्पन्न हो लगा है. पेयजल एवं स्वच्छता विभाग तथा विश्व बैंक के प्रयास से जिले में कई जलापूर्ति योजनाएं चलायी जा रही हैं.
लेकिन हैरत की बात यह है कि बिजली की कमी से आधी जलापूर्ति योजनाएं बंद पड़ी हुई हैं. यहां राहत देनेवाली बात यह है कि कई जलापूर्ति योजनाओं में सोलर सिस्टम लगाये गये हैं, जिसकी वजह से लोगों के घरों तक पानी पहुंच रहा है.
सुदूरवर्ती प्रखंड चिनिया व रमकंडा प्रखंड के जल गुणवत्ता प्रभावित (फ्लोराइड आदि से दूषित पानी) गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए सोलर सिस्टम लगाये गये हैं. इस वजह से यहां पेयजल आपूर्ति चालू है. जबकि ऐसे जगह जहां पेयजलापूर्ति विद्युत भरोसे है, वे लो वोल्टेज सहित अन्य बिजली समस्याओं के कारण जलापूर्ति योजनाएं ठप हैं.
जो योजनाएं सोलर से चल रही हैं
चिनिया प्रखंड के बेता जोरीकरम टोला, मसरा कोरवा टोला, खुरी बाजार टोला, बेसरी व भुईंया टोला, खुरी टोला, मसरा एवं खरवार टोला, नावापार टोला, रनपुरा के खरवार एवं यादव टोला, टेन टोला, रमकंडा के पथलादामर टोला, टुकुलखाड़ टोला एवं तेतरिया टोला जलापूर्ति योजनायें सोलर सिस्टम लगाये जाने के कारण चालू है. जबकि गढ़वा के प्रतापपुर ग्रामीण जलापूर्ति योजना, मझिआंव प्रखंड के भुसुआ, गड़ेरी टोला, रामपुर, बोकया के हटनवा टोला, चंदना, करमडीह के जोगीबीर व रतनवा टोला जलापूर्ति योजनाएं विद्युत संचालित हैं. यहां लो वोल्टेज एवं ट्रांसफार्मर जल जाने सहित अन्य समस्याओं के कारण जलापूर्ति योजना बंद है.
नौ जलापूर्ति योजना ठप हैं
जिले के 22 जल गुणवत्ता प्रभावित गांवों में से 13 योजनाएं संचालित हैं.नौ जलापूर्ति योजनाएं बंद पड़ी हुई हैं. इस वजह से वहां के ग्रामीणों को दूषित पानी पीने को मजबूर होना पड़ रहा है. दूषित पानी की वजह से ग्रामीणों की हड्डियां कमजोर होने सहित अन्य बीमारियों की चपेट में आना पड़ रहा है. गढ़वा प्रखंड का प्रतापपुर गांव पूरी तरह से फ्लोराइड प्रभावित है.
यहां विद्युत समस्या हमेशा बनी रही है. पर्याप्त वोल्टेज नहीं मिलने के कारण जलापूर्ति योजना संचालित करने के लिए बड़ा डीजल जेनरेटर सेट लगाया गया था. लेकिन वह भी अत्यधिक लोड के कारण बार-बार खराब होने के बाद हटा दिया गया है. अब वहां सरकारी डीजी जेनरेटर लगाने की पहल हो रही है.
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