खरौंधी (गढ़वा) : जनवितरण प्रणाली की दुकानों का चावल कालाबाजारी के लिए उत्तरप्रदेश भेजा जाता हैं. यह चावल खरौंधी, केतार एवं भवनाथपुर के डीलरों का रहता है. इसका खुलासा तब हुआ जब पिछले नौ मई को सरैया के ग्रामीणों ने कोसलीबार होते उत्तर प्रदेश के बागेसोती में एक ट्रैक्टर से जा रहे चावल के बोरों को पकड़ा. इसमें 130 बोरा चावल थे.
ग्रामीण सत्यनारायण यादव, रामकेश यादव, सत्येंद्र यादव, कामेश्वर यादव आदि ने बताया कि करीब 10 बजे रात को कोसलीबार होते हुए उत्तरप्रदेश में जा रहे चावल को जब उन लोगों ने पकड़ा, तो डीलर एवं वार्ड सदस्य के पति द्वारा उन्हें धमकी दी गयी. कहा गया कि चावल नहीं छोड़ने पर, उन्हें डकैती के केस में फंसा देंगे.
इसके पूर्व भी बजरमरवा एवं बैतरी में कई बार राशन का चावल कालाबाजारी करते हुए पकड़ा गया है. इसको लेकर व्यापारी एवं ग्रामीणों के बीच मारपीट तक भी हुई है. ये सभी चावल कोसलीबार, बजरमरवा, राजी एवंखोखा गांव के रास्ते से उत्तर प्रदेश ले जाये जाते हैं.
इसमें लिप्त डीलर या तो चावल को एफसीआइ गोदाम भवनाथपुर में ही छोड़ देते हैं, या फिर खरौंधी प्रखंड के एक डीलर को छह से सात रुपये किलो के हिसाब से बेच देते हैं. राशन की कालाबाजारी होने के कारण इस क्षेत्र के लाभुकों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
जांच की जायेगी: बीडीओ
इस संबंध में एमओ सह बीडीओ धीरेंद्र कुमार से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है. किस डीलर द्वारा यह काम किया जा रहा है, इसकी जांच की जायेगी. जांच के बाद कार्रवाई होगी.