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गढ़वा : शहर के कचरे से नदियों को पाटने का किया जा रहा है कार्य, एक डंपिंग यार्ड की है जरूरत
गढ़वा : जिला मुख्यालय स्थित शहर के बीच से गुजरी दो नदियां दानरो व सरस्वतिया नदी को नगर परिषद द्वारा डंपिंग यार्ड में तब्दील करने का काम किया जा रहा है़ शहर से निकले कचरे को नदी किनारे डाल कर उसे जेसीबी मशीन से नदी में डाला जा रहा है़ इससे नदी के और प्रदूषित […]
गढ़वा : जिला मुख्यालय स्थित शहर के बीच से गुजरी दो नदियां दानरो व सरस्वतिया नदी को नगर परिषद द्वारा डंपिंग यार्ड में तब्दील करने का काम किया जा रहा है़ शहर से निकले कचरे को नदी किनारे डाल कर उसे जेसीबी मशीन से नदी में डाला जा रहा है़ इससे नदी के और प्रदूषित होने की संभावना बढ़ती जा रही है़
सरस्वती व दानरो नदी के संगम पर इसी तरह शहर से निकले कचरा को डालकर नदी को भरा जा रहा है़ इससे नदी में थोड़ा बहुत जो पानी बचा हुआ है, वह काफी दूषित हो गया है़
दानरो नदी स्टूडेंट छठ घाट के बाद पुल से लेकर सोनपुरवा टांड़ी तक इसी तरह शहर से निकले कचरे को डाल कर नदी के अलावा वातावरण को दूषित किया जा रहा है़ गढ़वा नगर परिषद का नारा साफ व स्वच्छ गढ़वा की बानगी कहीं भी देखने को नहीं मिल रही है़
10 वर्ष बाद भी डेनेज सिवरेज व डंपिंग यार्ड नहीं बना : गढ़वा नगर परिषद के गठन के 10 वर्ष बीत जाने के बाद भी शहर की सूरत नहीं बदली. करोड़ों रुपये फंड मिलने के बाद भी स्थिति बद से बदतर होती जा रही है़ सिवरेज ड्रेनेज नहीं होने के कारण पूरे शहर की गंदगी दानरो व सरस्वतिया नदी में फेंकी जा रही है़
शहर में बने निजी व नगर परिषद द्वारा बनाये गये शौचालय का गंदा पानी इन्हीं दो नदियों में जाकर गिरती है़ जहां शहर के लोग छठ पर्व में स्नान करते हैं. वहीं 10 साल में डंपिंग यार्ड नहीं बनने के कारण शहर का सारा कचरा दानरो एवं सरस्वती नदी में फेंका जा रहा है़
नहीं रुक रहा है नदियों का अतिक्रमण
शहर के बीचोबीच गुजरी सरस्वती व दानरो नदी का अतिक्रमण थमने का नाम नहीं ले रहा है़ अतिक्रमण के कारण सरस्वती नदी नाले में तब्दील होती जा रही है़ उक्त नदी के दोनों तटों पर प्रभावशाली लोग अपना मकान बना लिये हैं. वहीं दानरो नदी का अतिक्रमण भी किया जा रहा है़ प्रत्येक वर्ष अतिक्रमण हटाने को लेकर सरकार द्वारा औपचारिकता पूरी की जाती रही है़ लेकिन अभी तक नदी को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए कोई भी कारगर पहल सरकार अथवा नगर परिषद ने नहीं किया है़
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