धुरकी(गढ़वा) : दुल्हन का दूल्हे के साथ निकाह भी हुआ. साथ ही बरातियों की पूरी तरह खातिरदारी भी. लेकिन ऐन मौके पर जब विदाई का समय आया, तो दुल्हन ने दूल्हे के साथ जाने से साफतौर पर इनकार कर दिया. दिनभर पंचायती हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला. दुल्हन जब उक्त दूल्हे के साथ जाने को राजी नहीं हुई, तो फिर दूसरे दूल्हे के साथ शादी तय करके निकाह कराया गया.
यह वाकया प्रखंड के खाला गांव में हुआ है. समाचार के अनुसार खाला निवासी नसीर अंसारी की पुत्री नूरी फातमा का निकाह रमना प्रखंड के गनियारी कला निवासी शान मोहम्मद अंसारी का पुत्र गुलाम मुस्तफा के साथ तय हुई थी. मुकर्र तारीख के मुताबिक 10 मई को शान-शौकत के साथ बारात खाला गांव पहुंची. बरातियों के खातिरदारी के बाद दूल्हा-दुलहन का निकाह करा दिया गया.
निकाह पढ़ने के बाद गुलाम मुस्तफा विदाई के लिये जब अंदर गया, तो रस्म के मुताबिक उसे मलीदा खाने के लिए दिया गया. इसी दौरान उस पर मिरगी का दौरा पड़ गया. लड़की ने अपने नये शौहर को इस तरह मिरगी के दौर में देखा, तो वह आश्चर्यचकित रह गयी.
वह मुस्तफा के साथ जाने से इनकार कर दी. यद्यपि बारातियों ने काफी जद्दोजहद किया. बात भी नहीं बनने पर रविवार की सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक इसको लेकर पंचायती हुई. पंचायती में कोई हल नहीं निकला, तो मुस्तफा के घरवाले बिना दुल्हन लिये बैरंग वापस लौट गये. बाद में गांव के सदर मइनुद्दीन अंसारी ने गांव की शान व मान को रखने के लिए अपने सगे भगीना कुंबाकला गांव के जहुर अंसारी का पुत्र अब्दुल हकीम अंसारी को खाला गांव बुलवाया और नूरी फातमा के साथ निकाह करा दिया.
निकाह के बाद जहुर अंसारी ने कहा कि वह इस गांव का दामाद है. इसके नाते गांव की इज्जत व मान सम्मान के लिए दहेज मुक्त यह शादी कि या है. अचानक हुए इस नये रिश्ते से मइनुद्दीन अंसारी के परिवार सहित पूरा मुसलिम समाज खुश दिख रहा है. इस मौके पर गांव के हाफिज मोजाहीद अंसारी, मौलबी मुश्ताक अंसारी, अब्दुल नसीम अंसारी सहित गांव के काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.