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हेराफेरी को लेकर सचिव निलंबित

नियम के विरुद्ध सेवानिवृत्त कर्मी को लेखापाल के पद पर बहाल कियागया लेखापाल को भुगतान की गयी राशि सचिव से वसूली जायेगी गढ़वा : कृषि उत्पादन बाजार समिति में दुकान आवंटन, किराया निर्धारित व संविदा के आधार पर बहाली मामले में घोटाले की बू आ रही है़ इस मामले के प्रकाश में आने के बाद […]

नियम के विरुद्ध सेवानिवृत्त कर्मी को लेखापाल के पद पर बहाल कियागया

लेखापाल को भुगतान की गयी राशि सचिव से वसूली जायेगी
गढ़वा : कृषि उत्पादन बाजार समिति में दुकान आवंटन, किराया निर्धारित व संविदा के आधार पर बहाली मामले में घोटाले की बू आ रही है़ इस मामले के प्रकाश में आने के बाद झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद की ओर से जांच शुरू कर दी गयी है़ प्रथम दृष्टया मामले को सही पाते हुए बाजार पर्यवेक्षक सह प्रभारी पणन सचिव गढ़वा हरिनारायण ठाकुर को निलंबित कर दिया गया है़ साथ ही उनसे राशि वसूली के लिए प्रक्रिया शुरू की गयी है़ झारखंड राज्य कृषि विपणन पार्षद के सचिव के कार्यालय आदेश संख्या 47, ज्ञापांक 361 एवं दिनांक सात मार्च 2018 के आदेश में श्री ठाकुर को निलंबित करते हुए उन्हें निलंबन अवधि तक के लिए रामगढ़ कृषि उत्पादन बाजार समिति में स्थानांतरण कर दिया गया है़
निलंबन आदेश में राज्य सचिव ने कहा है कि समिति के क्षेत्रांतर्गत दुकान व गोदाम का किराया को मनमाने तरीके से कम कर समिति को आर्थिक क्षति पहुंचायी गयी है़ साथ ही किराया के संदर्भ में पूछे गये स्पष्टिकरण में गलत बयानी कर पार्षद को भ्रमित करने का काम किया गया है़ इसके अलावा पर्षदीय निदेशक मंडल के निर्णय की अवहेलना करते हुए सेवानिवृत्त कर्मियों से संविदा के आधार पर सेवा लिया गया है़
क्या है मामला : राज्य विपणन पर्षद के 2015 के पत्र अनुसार बाजार समिति गढ़वा के 190 दुकानों व गोदाम का किराया चार रुपये प्रति स्क्वायर फिट के हिसाब से लेना था़ लेकिन इस पत्र के निर्देश की अवहेलना करते हुए तब से लेकर फरवरी 2018 तक दुकान व गोदाम का किराया तीन रुपये स्क्वायर फिट के हिसाब से वसूली जा रही है़ कहा गया है कि इससे लाखों रुपये राजस्व की हानि हुई है़ उल्लेखनीय है कि किराया बढ़ोतरी का निर्देश जारी होने के बाद बाजार समिति गढ़वा के व्यवसायियों ने इसका विरोध किया था़ विरोधस्वरूप उन्होंने किराया देना बंद कर दिया था़ इसके पश्चात इस मामले को लेकर तत्कालीन बाजार समिति गढ़वा के अध्यक्ष सह एसडीओ की अध्यक्षता में व्यवसायियों की बैठक हुई थी़, जिसमें व्यवसायियों का कहना था कि साल 2013 में ही दुकान का किराया एक रुपये से बढ़ा कर दो रुपये किया गया है़ ऐसे में बार-बार किराया बढ़ाना गढ़वा जैसे पिछड़े जिले के लिए सही नहीं होगा़ काफी मान-मनउव्व के बाद व्यवसायियों ने तीन रुपये देना स्वीकार किया़ इसी के आलोक में किराया तीन रुपये अभी तक वसूली जा रही है़ इधर गढ़वा बाजार समिति के 31 पद के आलोक में वर्तमान में सचिव को मिलाकर मात्र तीन कर्मी ही कार्यरत है़ं राज्य विपणन पर्षद के निर्देश के अनुसार किसी भी सेवानिवृत्त कर्मी को संविदा पर बहाल कर कार्य नहीं लेना था़ लेकिन इसकी अवहेलना करते हुए लेखापाल के पद पर एक सेवानिवृत्त कर्मी को बहाल कर न सिर्फ कार्य लिया गया, बल्कि करीब तीन सालों तक उसे भुगतान भी किया गया़
मैंने कोई गड़बड़ी नहीं की : हरिनारायण ठाकुर
इस संबंध में पणन सचिव हरिनारायण ठाकुर ने कहा कि उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की है़ उनके पूर्व के पणन सचिव एवं पूर्व के अध्यक्षों के कार्यकाल में यह सब घटित हुआ है़ वे इस मामले में बिल्कुल नियम के तहत कार्य कर रहे है़ं

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