रंका: पूरा प्रदेश लाल फीताशाही में जकड़ गया है. यही कारण है कि प्रदेश में लगातार हो रहे भूख से मौत की खबरें आ रही है.इससे साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार की डाकिया योजना फेल है. उक्त बातें पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह ने रंका स्थित सुमन सिंह के आवास पर बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में कही.उन्होंने कहा कि सरकार की पीडीएस व डाकिया योजना दोनों फेल है.रंका प्रखंड के सेमरखांड़ की आदिम जनजाति की महिला ललिता कुंवर की मौत भूख से हुई है.उसे सितंबर महीने में डाकिया योजना का चावल नहीं मिला था.उसकी मौत के बाद 24 अक्टूबर को 70 किलोग्राम चावल दिया जाता है.
जबकि इस योजना के तहत प्रति लाभुक 35-35 किलोग्राम चावल देने की प्रावधान है.कहा कि इससे पहले आदिम जनजाति के परिवारों को ब्लॉक में चावल दिया जाता था.वह अच्छा था.जो ब्लॉक से उठाकर ले जाते थे.उन्होंने बताया कि आज सेमरखांड़ गाँव में 55 वर्षीय लक्ष्मण सिंह की मौत कुपोषण से हो गई.उसे भी चार महीने से जनवितण प्रणाली के दुकान से चावल नहीं मिला था.वहां के डीलर के खिलाफ ग्रामीणों ने चार महीने से चावल नहीं मिलने की शिकायत एसडीओ,बीडीओ से कई बार की थी़ परंतु दोनों पदाधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गयी़ गरीबों के प्रति प्रशासन जवाब देही नहीं समझते हैं.यही कारण है कि सिमडेगा के संतोषी की मौत भूख से हो गई.
बताया कि ललिता के पति चैतु कोरवा की मौत दस साल पूर्व हो गई है.वह महिला तीन-तीन बच्चे को लेकर कितनी गरीबी झेलती हो़गी.उन्होंने जिला प्रशासन से ललिता के हुए तीन अनाथ बच्चों में से पुत्र नितेश कोरवा को कुदरूम अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय,पुत्री कविता को कस्तुरबा गाँधी आवासीय विद्यालय में नाम लिखवाने की मांग की है.वहीं ललिता की माँ के साथ राशन कार्ड में से नाम हटाकर अलग कार्ड बनाने की माँग की है. साथ में युवा राजद के जिला अध्यक्ष सुरज कुमार सिंह,मुखिया अनिल कुमार उपस्थित थे.