जितेंद्र सिंह
गढ़वा : गरमी के आगाज के साथ ही गढ़वा में बिजली संकट गहराने लगी है. सरकार के वायदे और इरादे सिर्फ घोषणाओं तक ही सिमट कर रह गयी है. आठ-आठ घंटे तक लगातार बिजली गायब रहने से आम लोगों की परेशानी बढ़ गयी है.
पिछले पांच वर्षो से लगातार विभाग व सरकार द्वारा यह आश्वासन दिया जाता रहा है कि अगले साल बिजली की दिक्कत नहीं होगी. जब गरमी समाप्त हो जाती है, तो बिजली की बातें सरकार व संबंधित विभाग भूल जाती है.
राज्य बनने के 14 वर्ष बाद अरबों रुपये खर्च हुए, लेकिन झारखंड के लोग बिजली के मामले में अब तक आत्मनिर्भर नहीं बन सके. आज भी पलामू प्रमंडल उत्तरप्रदेश एवं बिहार के रहमोकरम पर रोशन हो रहा है. वे अपनी जरूरतों के मुताबिक यहां बिजली देते हैं. शुक्रवार को गढ़वा में अपराह्न् चार बजे के बाद रात 12 बजे आठ घंटे बाद लोगों को बिजली मिली.
शनिवार को कमोबेश वहीं स्थिति बनी रही. झुलसाने वाली 40 डिग्री की गरमी उमस से जनजीवन बेहाल है. वर्तमान स्थिति में बिजली की आमूलचूल परिवर्तन की कोई गंजाइश भी नहीं दिख रही है.