करीब तीन घंटे तक बंधक में रहने के बाद देर रात दोनों युवक किसी तरह लाभुकों के बंधन से निकलने में सफल रहे, लेकिन चावल लदे ट्रैक्टर को ग्रामीणों ने नहीं छोड़ा. सूचना मिलने के बाद बुधवार की सुबह एमओ अनिल कुमार ने मौके पर पहुंच कर लाभुकों को समझाकर शांत कराया और राशन का वितरण कराया. विदित हो कि आदिम जनजाति को डाकिया योजना के तहत 35 किलो चावल मिलता है . उक्त चावल एमओ लाभुकों के घर तक पहुंचाते है. इसके लिए एमओ आलोक गुप्ता व त्रिभुवन साह के माध्यम से वितरण कराते हैं
.मंगलवार की शाम दोनों युवक राशन लेकर घाघरा गये. जैसे ही वे वहां पहुंचे, वहां के वार्ड सदस्य विनोद साह के नेतृत्व में ग्रामीण व कुछ लाभुकों ने मिल कर राशन वितरण करने से उन्हें रोक दिया. दोनों युवकों को बंधक बना लिया, जहां से बड़ी मुश्किल से दोनों युवक निकलने में सफल रहे़ इस दौरान घाघरा के डीलर ह्दया पासवान भी मौके पर उपस्थित थे़.
बंधक बनानेवाले जितन कोरवा ,राजदेव कोरवा, रामचंद्र कोरवा, दौलतिया देवी, मोतीचंद कोरवा, शनिचरी देवी, पार्वती देवी, सुरखी देवी, फूलकुमारी देवी ने आरोप लगाया कि डीलर ह्दया पासवान किसी लाभुक का दो महीने का तो किसी का तीन, चार व पांच महीने का राशन अभीतक नहीं दिया है़ साथ ही इसके बदले वह 10 रुपये से 50 रुपये तक पैसा वसूलता है़ यद्यपि राशन वितरण करने गये युवकों ने ग्रामीणों ने बहुत समझाने का प्रयास किया कि यह राशन डीलर ह्दय पासवान का नहीं है़, बल्कि यह डाकिया योजना का है़ लेकिन इसके बावजूद लाभुकों को साथ उपस्थित वहां के ग्रामीण एक नहीं सुनें और उन्हें बंधक बना लिया़ वे इसी चावल में से अपने बकाये राशन की मांग कर रहे थे़ सूचना मिलने के बाद वहां समाचार संकलन के लिए गये पत्रकारों को ग्रामीणों का आक्रोश देख कर भागने के लिए विवश होना पड़ा़
इधर बातचीत करने पर डीलर ह्दय पासवान ने कहा कि उनके किसी भी लाभुक का राशन बकाया नहीं है़ उसने आरोप को गलत बताया़ सिर्फ दौलतिया देवी व राजदेव कोरवा का बकाया रह गया है, जिसे दे दिया जायेगा़